Bihar News: बिहार के विश्वविद्यालयों पर शिक्षा विभाग और करने जा रहा सख्ती, जारी हुआ नया निर्देश; पढ़ें डिटेल
बिहार के विश्वविद्यालयों पर शिक्षा विभाग सख्ती करने जा रहा है। हर महीने के तीसरे शुक्रवार को शिक्षा विभाग में विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों वित्तीय परामर्शियों और वित्त पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें शैक्षणिक कार्यों के अलावा वित्तीय और प्रशासनिक हिसाब लिया जाएगा। बैठक में बजट आवंटन योजनाओं की प्रगति बैंक खातों की स्थिति एनपीएस लागू करने की स्थिति और सिविल कार्यों के लिए आवेदन की स्थिति पर चर्चा होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों पर शिक्षा विभाग अब और नकेल कसने जा रहा है। इसके लिए हर माह के तीसरे शुक्रवार को शिक्षा विभाग में विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें शैक्षणिक कार्यों के अलावा वित्तीय तथा प्रशासनिक हिसाब लिया जाएगा।
शिक्षा विभाग के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में 18 अक्तूबर, 15 नवंबर, 20 दिसंबर, 17 जनवरी, 21 फरवरी एवं 21 मार्च को शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी।
इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव द्वारा 15 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दिया गया है। बैठक के कम से के चार दिन पहले मांगी जाने वाली रिपोर्ट विश्वविद्यालयों द्वारा पोर्टल पर शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायी जाएगी।
शिक्षा विभाग की विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों के साथ होने वाली मासिक बैठक के एजेंडे में बजट, आवंटन एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र के तहत पे रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी सूचनाओं को अपलोड किया जाना शामिल है।
पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल का पे-स्लीप बनाने के लिए उपयोग, पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल द्वारा कुछ शिक्षक एवं कर्मियों का भुगतान नहीं होने का कारण, बैंक खातों में उपलब्ध राशि को बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से मूल एवं सूद की राशि अलग-अलग विभाग को वापस करने की स्थिति की जानकारी शिक्षा विभाग को देनी होगी।
योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की होगी समीक्षा
शिक्षा विभाग के मुताबिक हर माह विश्वविद्यालयों के साथ बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की रिपोर्ट भी ली जाएगी। विश्वविद्यालयों के साथ पीएल खाते में उपलब्ध अव्यवहृत राशि वापस किए जाने की स्थिति और विश्वविद्यालयों को दिए गए आवंटन के तहत वास्तविक व्यय की स्थिति की जानकारी ली जाएगी।बैठक में इन एजेंडों को किया गया शामिल
- समर्थ पोर्टल के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्ताव
- अंगीभूत महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में आंतरिक स्त्रोत की राशि एक वर्ष से ज्यादा समय से व्यय नहीं होने का कारण और घाटानुदानित महाविद्यालयों में प्रबंधन द्वारा महाविद्यालय के स्त्रोत से वेतन एवं अन्य मद में राशि व्यय करने का प्रस्ताव
- शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों को एनपीसी लागू करने के तहत विश्वविद्यालयों में प्रान नंबर जेनेरेट होने की स्थिति
- एनपीएस लागू होने एवं तदनुसार कटौती किये जाने की स्थिति
- सिविल कार्य के लिए पोर्टल पर महाविद्यालयवार आवेदन की स्थिति
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