पूर्व मंत्री बृजबिहारी हत्याकांड (Brij Bihari Murder Case) में सुप्रीम कोर्ट से उम्रकैद की सजा मिलने के बाद बुधवार वैशाली जिले के लालगंज के पूर्व विधायक सह राजद नेता मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) और मंटू तिवारी (Mantu Tiwari) ने पटना सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 15 दिनों के अंदर कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
जागरण संवाददाता, पटना। सूबे के पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड (Brij Bihari Murder Case) मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से उम्रकैद की सजा पाए पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) और पूर्वी चंपारण निवासी मंटू तिवारी (Mantu Tiwari) ने एमपी/एमएलए अदालत के प्रभारी न्यायाधीश एडीजे अष्टम सुरेंद्र प्रसाद की अदालत में बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया।
अदालत ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लेते हुए आदर्श केंद्रीय कारा बेउर भेज दिया। दोनों अभियुक्तों ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अदालत में आत्मसमर्पण किया था।
मुन्ना शुक्ला के अधिवक्ता ने अदालत में दो आवेदन दिया। अधिवक्ता ने अदालत से पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को जेल में सुविधा देने की मांग की और उनकी तबीयत खराब रहने संबंधित भी आवेदन अदालत में दिया।
'कोर्ट का फैसला मंजूर, जनता के न्याय पर मुन्ना शुक्ला को भरोसा'
पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला ने कोर्ट में हाजिर होने से पहले कहा कि कोर्ट का फैसला उनको मंजूर है। न्यायालय का सम्मान वह करते हैं। आगे अब जनता अपना न्याय करेगी। पूर्व विधायक शुक्ला ने कहा कि उनको जब सजा मिली उस समय पूर्व सांसद रमा देवी का बयान आया था। उसको सबने देखा। वही खुद क्या रही हैं। अब सब जनता के उपर छोड़कर जा रहा हूं।
घर से निकलने से पहले मायूस दिखे स्वजन
नया टोला आवास पर उनके परिवार, रिश्तेदार के साथ समर्थक मायूस रहे। उनकी पत्नी पूर्व विधायक अन्नु शुक्ला समर्थक के साथ अपने परिसर में मौजूद रही। सबसे मिलने के बाद पूर्व विधायक बुधवार को रवाना हुए। जब आवास से निकले। उसके बाद धीरे-धीरे दर्जनों चार पाहिया वाहन का काफिला उनके पीछे हो गया। वैशाली, लालगंज, हाजीपुर होते हुए वह पटना पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह लोगों ने उनको माला पहनाकर स्वागत किया।
क्या है मामला?
बता दें कि पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या बदमाशों ने 1998 में आईजीआईएमएस में उस समय शाम को कर दी गई थी जब वे अस्पताल परिसर में टहल रहे थे।इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, राजन तिवारी सहित छह आरोपितों को बरी कर दिया है। पटना व्यवहार न्यायालय ने सभी आरोपितों को दोषी ठहराते हुए 12 अगस्त 2009 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
2014 में पटना उच्च न्यायालय ने सभी आरोपितों को निर्दोष पाये हुए बरी कर दिया था। इसके बाद मृतक की पत्नी रमा देवी पटना उच्च न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट होकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
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