NDA के लिए आसान नहीं उपचुनाव की राह, चुनौतीपूर्ण है जीत का रास्ता; बिहार में महागठबंधन का पलड़ा भारी
बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एनडीए के लिए जीत की राह आसान नहीं है। 2024 लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर राजग प्रत्याशियों की हार हुई थी। महागठबंधन से एक भी सीट छीन लेना भाजपा जदयू एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। इस लेख में विस्तार समझें सभी सीटों का सियासी समीकरण।
रमण शुक्ला, पटना। Bihar Byelection 2024 बिहार में चार सीटों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) पर हो रहे उपचुनाव राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के लिए चुनौतीपूर्ण है। 2024 लोकसभा चुनाव में इन सभी विस सीटों पर राजग प्रत्याशियों की हार हुई है। ऐसे में महागठबंधन से एक भी सीट छीन लेना भाजपा, जदयू एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
2020 विधानसभा चुनाव एवं 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान चारों सीटों पर राजग प्रत्याशियों की हुई हार-जीत के अंतर की वर्तमान परिस्थिति में तुलनात्मक आकलन करें तो महागठबंधन का पलड़ा भारी दिख रहा है। अबकी बार चार की चार सीटों पर पीके (Prashant Kishor) ने जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) का प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर संघर्ष को त्रिकोणीय अभी से बना दिया है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर। फाइल फोटो
तरारी में निर्णायक होंगे पिछड़े मतदाता
आरा संसदीय क्षेत्र के तरारी विधानसभा सीट (Tarari Seat Byelection) पर जनसुराज पार्टी ने पहले ही सवर्ण समुदाय के (राजपूत) एसके सिंह को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। कारण यह है कि भाजपा भी इस सीट पर सवर्ण प्रत्याशी देने की मन बना रही है। भाजपा की ओर से एक पूर्व विधायक पहले से तैयारी में जुटे हैं।- लोकसभा चुनाव 2024 में तरारी विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी की 5773 मतों से हार हुई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी तीसरे पायदान पर चले गए थे।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह। फाइल फोटो
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।रामगढ़ की लड़ाई नहीं आसान
बक्सर संसदीय सीट के अंदर आने वाले रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र (Ramgarh Byelection) में लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा प्रत्याशी पर राजद ने दस हजार मतों से बढ़त बनाई थी। 1985 से इस सीट पर राजद का दबदबा रहा है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह व हाल ही में बक्सर से सांसद चुने गए सुधाकर सिंह पिता-पुत्र की इस सीट पर लोकप्रियता के आगे भाजपा के लिए राह आसान नहीं है।- राजद की ओर से इस बार सुधाकर के भाई को मैदान में उतारने की तैयारी है। वहीं, भाजपा भी राजपूत उम्मीदवार उतारकर प्रतिष्ठा बचाने की जुगत में जुटी है।
इमामगंज में मांझी की प्रतिष्ठा होगी दांव पर
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले इमामगंज विधानसभा सीट (Imamganj Byelection) पर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुशील सिंह की हार हुई थी। इस सीट पर हम के विधायक एवं वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी विधायकी जीतते रहे हैं, लेकिन अबकी बार लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी। 2628 मत से इस सीट पर सुशील की हार भाजपा के साथ राजग के लिए बड़ा संदेश है।- यह सीट मांझी के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई है। ऐसे में राजग के लिए थोड़ी राहत की बात यह है कि इमामगंज सीट बचाने के लिए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी।
बेलागंज की राह में राजद है रोड़ा
गया लोकसभा सीट के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र (Belaganj Byelection) पर राजद का दबदबा रहा है। इस विधानसभा सीट से विगत छः विधानसभा चुनाव से राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव जीत दर्ज करते रहे हैं। 2010 विधानसभा चुनाव में जब राजद महज 22 सीट ही जीता था, उस चुनाव में भी सुरेंद्र यादव विजयी रहे थे।- इस सीट को लेकर राजद को बहुत ही उम्मीद है। 2024 लोकसभा चुनाव में राजद को इस सीट से हम प्रत्याशी से 2546 वोटों से बढ़त मिली थी।