बाढ़ को लेकर पटना में हुई हाई लेवल मीटिंग, DM सहित सभी सीनियर अधिकारियों को मिल गया नया टास्क; पढ़ें डिटेल
बिहार के 36 जिलों में सितंबर में दो बार आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ। सरकार ने जिलों से क्षति की रिपोर्ट मांगी है जिसमें पुल-पुलिया सड़कें बिजली पानी सप्लाई और सिंचाई योजनाओं की क्षति का विवरण देना है। मुख्य सचिव की बैठक के बाद डीएम और वरीय अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। इसके साथ ही नुकसान का ब्योरा देने का निर्देश दिया गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। सितंबर महीने में प्रदेश के 36 जिले दो बार अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए। इन जिलों में दबाढ़ में कितने पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुए, पानी सप्लाई योजना, सड़कें, बिजली से जुड़ी कितनी आधारभूत संरचना प्रभावित हुई अब सरकार ने जिले से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है।
मुख्य सचिव के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक के बाद बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है।
इनमें जानकारी दी गई है कि सितंबर महीने के तीसरे सप्ताह में गंगा नदी में जलस्तर में हुई वृद्धि की वजह से गंगा किनारे के सभी 12 जिले भोजपुर, सारण, बक्सर, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, खगडिय़ा, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार और नालंदा जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
चौथे सप्ताह में 16 जिले बाढ़ की चपेट में आए
इसके बाद चौथे सप्ताह में गंडक, कोसी और बागमती नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से पूर्वी, पश्चिम चंपारण के साथ ही सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सारण, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, मधेपुरा समेत कुल 16 जिले बाढ़ की चपेट में आए थे।
सरकार ने इन जिलों के डीएम के साथ ही प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव के साथ ही सचिवों को बाढ़ से हुई क्षति की आकलन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
जिले अपनी रिपोर्ट में बताएंगे कि बाढ़ से कितने पुल-पुलिया, सड़कें, बिजली से जुड़ी संरचना, पानी सप्लाई लाइन, लघु सिंचाई योजना समेत अन्य संरचना प्रभावित या क्षतिग्रस्त हुई और इससे कितना नुकसान हुआ इसकी जानकारी देंगे।
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