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बेलागंज उपचुनाव: JDU की महिला प्रत्याशी बनाम RJD के यादव उम्मीदवार, जातिगत समीकरणों पर टिकी जीत की कुंजी!

बिहार के बेलागंज उपचुनाव में जदयू इस बार महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारने की तैयारी कर रहा है। चर्चा है कि पार्टी पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी को टिकट दे सकती है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। दूसरी ओर राजद से सुरेंद्र यादव के स्वजन ही उम्मीदवार होंगे। ऐसे में इस बार बेलागंज में एक ही जाति के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होने की संभावना है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 17 Oct 2024 02:02 PM (IST)
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जदयू नेता नीतीश कुमार और राजद नेता लालू प्रसाद यादव। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar By Election 2024 बेलागंज उपचुनाव में यह तय माना जा रहा कि जदयू इस बार वहां से महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारेगा। वर्ष 2005 के बाद प्राय: सभी विधानसभा चुनाव में जदयू ने बेलागंज में अपने प्रत्याशी बदले पर जीत राजद के सुरेंद्र यादव की हुई। यह चर्चा तेज है कि जदयू बेलागंज से इस बार अपने पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी काे टिकट देगा। वैसे अभी इस बात की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

एक ही जाति के उम्मीदवारों के बीच मुकाबले का बन रहा प्लॉट

बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में इस बार एक ही जाति के प्रत्याशी के बीच मुकाबले का प्लॉट तैयार हो रहा है। यह तय माना जा रहा कि बेलागंज से लगातार जीतते रहे और अब जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव के स्वजन ही बेलागंज उपचुनाव में राजद के उम्मीदवार होंगे।

जदयू से जिन मनोरमा देवी के मैदान में उतरने की संभावना है वह भी उसी जाति की हैं, जिससे सुरेंद्र यादव हैं। लंबी अवधि बाद इस सीट पर दो मुख्य गठबंधन प्रत्याशी एक ही जाति के होंगे।

जदयू ने खूब ताकत झोंकी पर मार्जिन बहुत कम नहीं हुआ

बेलागंज सीट पर जदयू नियमित रूप से अपना प्रत्याशी देता रहा है पर हार-जीत का मार्जिन बहुत कम नहीं हुआ है, जबकि प्राय: सभी विधानसभा चुनाव में विगत 2005 के विधानसभा चुनाव से उसने अपने प्रत्याशी बदले हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू ने राजद के सुरेंद्र यादव के मुकाबले में अभय कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया था। अभय कुशवाहा अब औरंगाबाद से राजद के सांसद हैं।

अभय कुशवाहा और सुरेंद्र यादव के बीच सीधा मुकाबला

वर्ष 2020 के चुनाव में जदयू के अभय कुशवाहा को राजद के सुरेंद्र यादव के साथ सीधे मुकाबले में 32.81 प्रतिशत वोट (55745) आए थे। वहीं, सुरेंद्र यादव को 46.91 प्रतिशत ( 79708) वाेट आए थे। जीत का अंतर बड़ा था। वर्ष 2015 में जदयू को महागठबंधन में यह सीट नहीं मिली थी। वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू के प्रत्याशी मो. अमजद थे। उन्हें तब 48441 वोट मिले थे, जबकि 52079 वोट लाकर सुरेंद्र यादव उस समय भी चुनाव जीत गए थे।

फरवरी 2005 में जब विधानसभा चुनाव हुआ था तब लोजपा की टिकट पर अमजद अली यहां सुरेंद्र यादव के मुकाबले दूसरे नंबर पर थे। वहीं, जब अक्टूबर 2005 में पुन: विधानसभा चुनाव हुआ तो मो. अमजद को जदयू ने अपना उम्मीदवार बना दिया। मुकाबला कांटे का हुआ अमजद को 27125 वोट मिले और 33475 वोट लाकर सुरेंद्र यादव को चुनाव में जीत हासिल हुई थी।

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