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Bihar Teacher: 23,801 शिक्षकों की नौकरी पर खतरा? किसी भी वक्त हो सकती है कार्रवाई; चौंका देगी ये रिपोर्ट

बिहार में 1 लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षकों में से 96 के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। वहीं 23 हजार 801 शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध हैं। शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। जिन शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हो पाई उन्हें दोबारा मौका दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 17 Oct 2024 07:48 PM (IST)
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बिहार में 23 हजार 801 शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में सक्षमता परीक्षा पास एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षकों में से 96 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं। इसके साथ ही 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के एक या एक से अधिक प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं। ऐसे संदिग्ध प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच करायी जाएगी तब दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।

वहीं, किसी कारण से काउंसलिंग से गैरहाजिर और वैध कारण वाले शिक्षकों को दोबारा काउंसलिंग का मौका मिलेगा। काउसंलिंग की तिथि जल्द जारी की जाएगी। सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की हुई काउंसलिंग के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बैठक में फर्जी प्रमाण पत्र वाले शिक्षकों पर विधि सम्मत कार्रवाई करने का फैसला भी लिया गया। उक्त बैठक की कार्यवाही की रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई।

समिति करेगी प्रमाणपत्रों की जांच

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 96 शिक्षकों के सर्टिफिकेट प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं, उसकी जांच करायी जाएगी। शिक्षा विभाग के राज्य मुख्यालय स्तर से गठित समिति द्वारा इन प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करेगी। इसके बाद संबंधित निदेशालय द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।

संदिग्ध सर्टिफिकेट वाले शिक्षकों का क्या होगा?

दूसरी ओर जिन 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के एक या एक से अधिक सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं, के सही प्रमाणपत्र अपलोड करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा सॉफ्टवेयर में विकल्प प्रदान किया जाएगा। हालांकि, संबंधित शिक्षकों द्वारा पूर्व में अपलोड किया गया प्रमाणपत्र यथावत रहेगा, ताकि शिक्षकों द्वारा अपलोड किए गए दोनों प्रमाणपत्रों का आवश्यकतानुसार अवलोकन किया जा सके।

रिपोर्ट के मुताबिक, पहली सक्षमता परीक्षा पास एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग गत एक अगस्त से 13 सितंबर तक थी। लेकिन, उसमें एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षक ही उपस्थित हुए। बाकी तीन हजार 366 नियोजित शिक्षक अनुपस्थित रहे।

उपस्थित एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षकों में से एक लाख 73 हजार 527 नियोजित शिक्षकों की ही काउंसलिंग हो पायी। शेष 10 हजार 925 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग विभिन्न कारणों से नहीं हो पायी। इनमें 10 हजार 219 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापित हुआ, लेकिन आधार नहीं, जबकि 32 नियोजित शिक्षकों का आधार सत्यापित हुआ, लेकिन बायोमेट्रिक नहीं।

311 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित हुआ, लेकिन मोबाइल नहीं रहने के कारण ओटीपी नहीं गया। 124 ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जिनके बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित है, लेकिन प्रमाणपत्रों का सत्यापन लंबित है। जाहिर है कि जिन एक लाख 73 हजार 527 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग हुई, उनमें एक लाख 39 हजार 634 नियोजित शिक्षकों की ही सफल काउंसलिंग हुई। शेष 33 हजार 893 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग का कार्य सफल नहीं हो पाया।

फिर से मिलेगा काउंसलिंग का मौका

इसके मद्देनजर तय हुआ है कि काउंसलिंग में अनुपस्थित तीन हजार 366 नियोजित शिक्षकों को फिर से काउंसलिंग का अवसर मिलेगा। जिन 124 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित है, लेकिन प्रमाणपत्रों का सत्यापन लंबित है, उन्हें भी फिर से काउंसलिंग का अवसर दिया जाएगा। जिन 311 नियोजित शिक्षकों का बायोमेट्रिक और आधार तो सत्यापित है, लेकिन मोबाइल नहीं रहने के कारण ओटीपी नहीं गया, उन्हें भी फिर से काउंसलिंग का अवसर मिलेगा।

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