Tejashwi Yadav: '100 से अधिक मौत के बाद भी पटना में ठहाके लगाते मुख्यमंत्री', तेजस्वी ने नीतीश कुमार को जमकर सुनाया
बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शराबबंदी को नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का नमूना बताया है। तेजस्वी ने सरकार से कई सवाल भी किए हैं जैसे कि अगर शराबबंदी है तो इसे पूरी तरह से लागू क्यों नहीं किया जा रहा है? सत्ताधारी नेताओं पुलिस और शराब माफिया के बीच क्या संबंध है?
सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया का नापाक गठजोड़
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में 30 हजार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है। अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में 3.46 करोड़ लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखाई जा रही है।जहरीली शराब से 100 से अधिक हत्या होने के बाद भी पटना के बीचों-बीच ठहाके लगाकर हंसते मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री!
संवेदना तक व्यक्त नहीं करने वाले तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री का इतनी मौतों पर हँसना और हँसाना बिहारियों एवं लोकतंत्र को चिढ़ाना है।
इतनी बड़ी घटना होने के… pic.twitter.com/fECn87D6aO
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024
होशमंद हैं तो जवाब दें मुख्यमंत्री
बड़े पुलिस अधिकारियों पर क्यों नहीं होती कार्रवाई
उन्होंने पूछा कि क्यों अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी, पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई नहीं हुई। अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है पांच-छह जिला पार कर यहां तक शराब पहुंची है। तो फिर यह उन सभी पांच-छह जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं? या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जदयू के नेता, कार्यकर्ता पकड़े जा रहे हैं। इसी प्रकार के कुछ अन्य सवाल भी तेजस्वी ने अपने बयान में उठाए हैं।यह भी पढ़ें: Bihar Balu News: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, छोटे व्यवसायियों को भी मिलेगा बालू भंडारण और बिक्री का अधिकारBihar News: शराब जहरीली कैसे हो जाती है? किस केमिकल ने ले ली बिहार के 48 लोगों की जान; छीन ली आंखों की रोशनीशराबबंदी श्री नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है। अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज…
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024