पटना समेत प्रदेश के अधिसंख्य भागों का मौसम शुष्क बना रहेगा। आर्द्रता में वृद्धि होने के कारण सुबह में कोहरे का प्रभाव बना रहेगा। तीन से चार दिनों के बाद न्यूनतम तापमान में क्रमिक गिरावट की संभावना है। 23-25 अक्टूबर के दौरान तेज हवा के साथ पटना समेत उत्तर पूर्व व दक्षिण पूर्व भागों के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है।
जागरण संवाददाता, पटना। दीपावली के पहले राजधानी समेत प्रदेश का मौसम करवट लेगा। 23-26 अक्टूबर तक राजधानी समेत प्रदेश के दक्षिण मध्य व पूर्वी भागों में हवा की गति झोंके के साथ 30-40 किमी प्रतिघंटा रहने के साथ बादल छाए रहेंगे। कुछ स्थानों पर हल्की व छिटपुट वर्षा की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, पोस्ट मानसून के दौरान बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र व कम दबाव होने के कारण मौसम में बदलाव की संभावना है। तीन से चार दिनों के बाद पछुआ के कारण न्यूनतम तापमान में क्रमिक गिरावट के आसार हैं।
सुबह के समय नमी की मात्रा 70-80 फीसद होने के कारण राजधानी समेत अन्य जिले कोहरे की चादर में लिपटा रहेगा। बीते 24 घंटों के दौरान किशनगंज, पश्चिम चंपारण, सुपौल, सीतामढ़ी के अलग-अलग भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई। पटना सहित प्रदेश के अधिसंख्य भागों का मौसम शुष्क बना रहा।
किशनगंज के टेढ़ागाछ में सर्वाधिक वर्षा 18.8 मिमी दर्ज किया गया। रविवार को पटना सहित 18 जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस व 34.4 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
इन जगहों पर दर्ज की गई वर्षा
किशनगंज के दिघलबैंक में 18.2 मिमी, पश्विम चंपारण के गौनाहा में 15.6 मिमी, किशनगंज में 14.0 मिमी, सुपौल के बीरपुर में 8.0 मिमी, सीतामढ़ी के सोनबरसा में 5.0 मिमी, किशनगंज के गलगलिया में 4.2 मिमी, ठाकुरगंगज में 2.8 मिमी, बहादुरगंज में 2.2 मिमी व सीतामढ़ी के सुरसंड में 1.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान
शहर |
अधिकतम |
न्यूनतम |
पटना |
33 |
21 |
गया |
33 |
20 |
भागलपुर |
32 |
21 |
मुजफ्फरपुर |
21 |
32 |
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)
मानसून सीजन में सामान्य से 22 प्रतिशत कम हुई है वर्षा
राज्य में मानसून का प्रवेश 20 जून को हो गया था और 13 अक्टूबर को राज्य से विदा हो चुका है। हालांकि जिले में मानसून की धमक जून के अंतिम दो दिनों में दिखाई दी थी और जून-जुलाई में औसत से कम वर्षा हुई देख किसानों के हाथ-पांव फूलने लगे थे।हालांकि, अगस्त में सामान्य अनुपात से अधिक हुई वर्षा और बिजली की मिली साथ में सरकारी अनुमानित लक्ष्य (96,790.32 हेक्टेयर) से अधिक (96,869.93 हेक्टेयर) रकबा में रोपनी हुई। बहरहाल, धान फसल सही हालत में हैं और इससे अच्छी पैदावार होने की संभावना बनी हुई है।
मानसून में कब कितनी हुई वर्षा
अगर बक्सर की बात करें तो यहां सामान्य वर्षापात का आंकड़ा 107 मिलीमीटर के मुकाबले जून में 42.78 मिलीमीटर ही औसत वर्षा हुई। जुलाई में भी सामान्य वर्षापात का आंकड़ा 277.2 मिलीमीटर से कम 200.21 मिलीमीटर औसत वर्षा जिले में हुई।इन दो माह में कम हुई वर्षा के कारण किसान चिंतित थे। लेकिन अगस्त में सामान्य वर्षापात (263 मिमी.) से लगभग 20 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई, लेकिन दोबारा सितंबर एवं 13 अक्टूबर से पूर्व तक में अनुमानित वर्षापात के आंकड़े से जिला में कम वर्षा हुई है।
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