Tejashwi Yadav: क्या रद्द होगी तेजस्वी की विधानसभा सदस्यता? नीतीश कुमार की पार्टी ने कर दिया 'खेला'
जदयू ने राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर तेजस्वी यादव की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। आरोप है कि तेजस्वी ने अपने हलफनामे में आय संबंधी गलत जानकारी दी है। जदयू का कहना है कि तेजस्वी की आय में 2015 से 2020 के बीच आठ गुना वृद्धि हुई है जबकि इसी अवधि में उन्होंने दूसरों को 4.10 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन सौंप उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की। जदयू के ज्ञापन में कहा गया है कि लोक प्रतिनिधित्व कानून -1951 की धारा 123 (2) के तहत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा इंकम घोटाला किया गया है। यह उनके हलफनामा से स्पष्ट है। इस मामले का अतिशीघ्र संज्ञान लिया जाए। शिष्टमंडल को चुनाव आयोग ने इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है।
जदयू ने ज्ञापन लिखा है कि तेजस्वी यादव ने 2015 के चुनावी हलफनामे में लिखा है कि 2014-15 में उनकी वास्तविक आय 5.8 लाख रुपए थे। वहीं, 2020 के अनुसार उनकी आय 39 लाख, 80 हजार रुपए बढ़ गयी जो 2014-15 के मुकाबले में आठ गुना अधिक है।वर्ष 2015 से 2020 तक उनकी आय 89 लाख, 75 हजार रुपए बतायी गई, जबकि इस अवधि में उन्होंने दूसरे लोगों को कर्ज के रूप में 4.10 करोड़ रुपए दिए। यह स्पष्ट रूप से दर्शाए गए आय का विरोधाभासी है।
जदयू के शिष्टमंडल में पार्टी के चुनाव अधिकारी अनिल प्रसाद हेगड़े, मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. निहोरा प्रसाद यादव, हिमराज राम, अरविंद निषाद, डॉ. भारती मेहता, परिमल कुमार, मनीष यादव व नवल शर्मा शामिल थे।
राजनीतिक बौखलाहट में अनर्गल बयान देने में अभ्यस्त हो चुके हैं तेजस्वी: जदयू
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि राजनीतिक बौखलाहट में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अनर्गल बयान देने को अभ्यस्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी यादव ने जो ट्ववीट किया है उसमें निम्नस्तरीय भाषा का प्रयोग यह प्रदर्शित करता है कि किस तरह से उनकी राजनीतिक परवरिश हुई है। मर्यादा के विपरीत राजनीति करना राजद की पुरानी शैली है। नेता प्रतिपक्ष उसी परंपरा को अब आगे बढ़ा रहे हैं।'नीतीश कुमार की देन है कि तेजस्वी यादव को...'
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार की उपलब्धियों और विकास कार्यों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए विपक्ष के नेतागण व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप पर उतर गए हैं। अगर 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की कृपा नहीं होती तो राजद का आज राजनीतिक अस्तित्व नहीं बचता। यह नीतीश कुमार की ही देन है कि तेजस्वी यादव को राजनीतिक पहचान हासिल हुई है, इसलिए उन्हें किसी भी तरह का अनर्गल बयान देने से पहले नीतीश कुमार के राजनीतिक उपकार को जरूर याद करना चाहिए।
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