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Bihar Jamin Survey: बिहार के जमीन मालिकों की बढ़ी टेंशन, खतियान को लेकर सामने आई बड़ी समस्या; कैसे होगा समाधान?

बिहार में जमीन सर्वे तो सरकार करवा रही है लेकिन जमीन मालिकों की हालत खराब हो रही है। राजस्व कार्यालय के चक्कर काटते-काटते सभी परेशान हो रहे हैं। कई जमीन मालिकों ने शिकायत की है कि 3 से 4 लाइन लिखने का 300 रुपये ले लिया जाता है लेकिन फिर भी काम नहीं हो पाता है। कई तो तीन से चार महीने से चक्कर लगा रहे हैं।

By Vyas Chandra Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 23 Oct 2024 11:26 AM (IST)
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बिहार जमीन सर्वे में जमीन मालिकों की बढ़ी परेशानी (जागरण)
व्यास चंद्र, पटना। गांधी मैदान के पश्चिमी कोने पर स्थित जिला राजस्व अभिलेखागार के सामने बेतरतीब तरीके से गाड़ियां लगी हैं। 12.30 बजने वाला है। टेंपो, ई रिक्शा के साथ ठेले-खोमचे वाले इस तरह जमे हैं कि कार्यालय जाने का रास्ता ही नहीं है। एक युवक जोर से बोलता है, अरे भाई टेंपो हटाइए न। किधर से जाएं।

आप लोगों के चक्कर में काउंटर बंद हो जाएगा। उसके जोर से बोलने का कोई असर नहीं पड़ता। किसी तरह वह टेंपो के बीच से गुजरते हुए कार्यालय के गेट पर पहुंचता है, लेकिन, अब उसके कदमों की रफ्तार थम गई है।

जमीन मालिकों ने सुनाई आपबीती

सामने काउंटर बंद हो चुके हैं। ये बिहटा के रामजी राय हैं। खतियान की नकल निकलवाने का चिरकुट जमा करने आए थे। वे परिसर में पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर बैठ जाते हैं। पास में मोकामा के मनोरथ पासवान भी मायूस बैठे हैं। कहते हैं अभी अभी तो बंद हुआ है न। रामजी राय बताते हैं कि, सवेरे ही निकलली हल।

रस्ता में जाम के कारण लेट हो गेलबअ। सब काम छोड़कर आने का कोई फायदा नहीं हुआ। चलित्तर महतो कहते हैं, यहां आने से कोई फायदा नहीं है भैया। जुलाई में ही चिरकुट जमा किए थे, नोटिस भी हो गया लेकिन अब तक नकल नहीं मिली है। कई अन्य लोग भी वहां आ जाते हैं। सबकी यही समस्या है। कोई चार तो कोई पांच महीने से खतियान की नकल का इंतजार कर रहा है।

इतने में काउंटर के पास धक्कामुक्की होने लगती है। लोग उधर दौड़ते हैं। एक व्यक्ति को पीटने के लिए दूसरा चप्पल ताने खड़ा है। उसे कुछ लेाग रोक रहे हैं।

चार लाइन लिखने का तीन सौ रुपया टान लिया

चप्पल उठाए व्यक्ति का आरोप था कि चार लाइन लिखने का तीन सौ रुपया टान लिया है। हमको झूठ बोल के यहां भेज दिया और कागज भेजा ही नहीं। वह व्यक्ति सबको परिसर से बाहर भेजते हैं। कहते हैं, उसको कुछ भी कीजिएगा, न पैसा लौटाएगा, न काम कराएगा।

जमीन सर्वे के कारण लोगों की भीड़ इस कदर बढ़ गई है कि सुबह से ही रैयतों की लंबी कतार लग जाती है। दीपावली के करीब आने के बावजूद कार्यालय में प्रतिदिन तीन से साढ़े तीन सौ तक चिरकुट जमा हो रहे हैं। करीब एक सप्ताह में नोटिस जारी की जाती है।

उसके बाद रसीद कटवाने पर खतियान की नकल दी जाती है। कार्यालय कर्मी अपनी समस्या बताते हैं कि पहले कैथी के जानकार रहते थे। अब लिपिक से ही काम कराया जा रहा है। उन्हे कैथी की उतनी समझ नहीं, इस कारण विलंब हो रहा है। सूत्रों के अनुसार अभी करीब 40 हजार आवेदन बैकलाग में है। यह हाल है, आम जन त्रस्त।

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