Bihar Property News: जमीन की खरीद-बिक्री होगी और भी आसान, नीतीश सरकार दिवाली के बाद करने जा रही ये काम
बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री अब और भी आसान हो गई है। राज्य के 13 और नए निबंधन कार्यालयों में ई-निबंधन सुविधा शुरू हो गई है। अब तक कुल 29 निबंधन कार्यालयों में यह सुविधा उपलब्ध है। नवंबर से सभी 136 निबंधन कार्यालयों में ई-निबंधन की सुविधा शुरू हो जाएगी। नए सॉफ्टवेयर में लोगों को भूमि की श्रेणी और उस पर देय शुल्क की जानकारी स्वयं मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar E-Registry बिहार के निबंधन कार्यालयों में चरणवार तरीके से ई-निबंधन सुविधा (Bihar E-Registry) शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। प्रारंभ में 16 निबंधन कार्यालयों में यह सुविधा थी। अब 13 और नए कार्यालयों में ई-निबंधन की सुविधा शुरू कर दी गई है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, 28 अक्टूबर तक 85 निबंधन कार्यालयों में ई-निबंधन की सुविधा शुरू करने का लक्ष्य है। वहीं, अगले माह नवंबर से सभी 136 निबंधन कार्यालयों में ई-निबंधन की सुविधा शुरू हो जाएगी। नए ई-निबंधन सॉफ्टवेयर में आमजन को घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्री (Bihar Online Registry) के आवेदन की सुविधा मिलेगी।
नए सॉफ्टवेयर में लोगों को भूमि की श्रेणी और उस पर देय शुल्क की जानकारी स्वयं मिलेगी। संपत्ति बेचने वाले का आधार प्रमाणीकरण भी सुनिश्चित होगा। नई व्यवस्था में खरीद-बिक्री से संबंधित व्यक्ति को मात्र एक बार फोटो, फिंगर प्रिंट तथा इकरारनामा के लिए ही निबंधन कार्यालय आना होगा।
जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना की तिथि से होगा मुआवजे का निर्धारण
सरकारी और सार्वजनिक उपयोग के लिए जमीन अधिग्रहण का मुआवजा निर्धारण अब नए सिरे से होगा। मुआवजे का भुगतान जमीन की रजिस्ट्री के लिए निर्धारित दर के आधार पर होता है। ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम रजिस्ट्री मूल्य का चार गुणा और शहरी क्षेत्र में दो गुणा अधिक भुगतान किया जाता है, लेकि, यह निर्धारण एक जनवरी 2014 की तिथि को आधार वर्ष मानकर किया जाता था।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा है कि मुआवजे का निर्धारण नए सिरे से होगा। एक जनवरी 2014 के बदले उस दिन के रजिस्ट्री मूल्य के आधार पर इसका भुगतान होगा, जिस दिन किसी जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होगी। विभाग ने इससे संबंधित अपने दो पुराने आदेशों को वापस ले लिया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में एक एसएलपी की सुनवाई के दौरान यही आदेश दिया था कि मुआवजे का निर्धारण अधिग्रहण की अधिसूचना के समय के बाजार मूल्य के आधार पर किया जाए।
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