Bihar Politics: नीतीश कुमार बोले- अब इधर-उधर नहीं जाएंगे; लालू ने कहा- यह सब बातें वे ही जानें
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार करने की घोषणा की जहां तेजस्वी यादव पहले से सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि आईएनडीआईए की जीत सुनिश्चित है। हाल ही में कोडरमा से प्रत्याशी सुभाष कुमार यादव को हाई कोर्ट ने नामांकन की अनुमति नहीं दी। इसके अलावा लालू ने नीतीश कुमार की चुप्पी पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि वह कब बोलते हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) भी झारखंड में चुनाव प्रचार (Jharkhand Election 2024) करने जाएंगे। शुक्रवार को मीडिया के प्रश्न पर उन्होंने स्वयं इसकी घोषणा की। लालू ने अपने पुराने अंदाज में कहा कि तेजस्वी तो वहां पहले से ही प्रचार अभियान में जुटे हैं। मैं भी जाऊंगा। झारखंड में आईएनडीआईए की जीत तय है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा चुनाव मेंं आईएनडीआईए के बैनर तले राजद को छह सीटें मिली हैं। हालांकि, कोडरमा से उसके पूर्व घोषित प्रत्याशी सुभाष कुमार यादव को हाई कोर्ट ने नामांकन की अनुमति नहीं दी है।
'नीतीश कुमार बोलते कब हैं?'
भाजपा सांसद प्रदीप सिंह के बयान (अररिया में रहना है तो हिंदू बनना होगा) पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की चुप्पी पर भी लालू ने कटाक्ष किया। लालू ने कहा कि नीतीश कुमार बोलते कब हैं?नीतीश कुमार के बयान (अब इधर-उधर नहीं जाएंगे) के संदर्भ में में पूछे जाने पर लालू का अंदाज बड़ा ही सधा हुआ रहा। बोले- यह सब बातें वे ही जानें।
राजद ने लालू को बताया 'भारत रत्न' के लिए सबसे सुयोग्य
अभी यह एक-दो की आवाज है, जिसे कई मुंह मिल जाएं तो आश्चर्य नहीं। मांग ही कुछ ऐसी है। राजनीति और समाज मेंं अतुलनीय योगदान और अविस्मरणीय कार्यों के लिए प्रवक्ता एजाज अहमद ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को भारत रत्न से विभूषित करने की मांग की है। राजद के अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के रंजीत रजक द्वारा सड़कों पर इससे संबंधित पोस्टर भी लगाए गए हैं।शुक्रवार को वीडियो जारी कर एजाज ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के बाद बिहार की राजनीति मेंं सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान लालू प्रसाद का रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो सांप्रदायिक शक्तियों को अपनी गोद में बिठा लिया है। ध्वस्त होते पुल-पुलिया विकास पुरुष वाली उनकी छवि की पोल खोल देते हैं। लालूजी के काम ऐतिहासिक हैं।उन्होंने कहा, दलितों, शोषितों और वंचितों के हित में सत्ता में रहते जो काम किया, उन्हें जो मान-सम्मान दिया, उससे गरीबों के जीवन में बदलाव आया और उनका मनोबल बढ़ा। केंद्र सरकार को चाहिए कि उन्हें भारत रत्न से विभूषित करे। इस अलंकरण के लिए उनसे सुयोग्य कोई दूसरा नहीं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले जदयू द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने की मांग हो चुकी है।
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