जेईई मेन में समान स्कोर के लिए टाइब्रेकर का नियम बदला, 300 परफेक्ट स्कोर पर मिलेगी ऑल इंडिया में पहली रैंक
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) जेईई-मेन जनवरी सत्र के लिए 22 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगी। पहले दिन 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। ओबीसी और ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता के कारण परेशानी हुई। एनटीए ने स्कोर समान होने पर रैंक की वरीयता देने के नियम में भी बदलाव किया है जिसमें विषयवार वरीयता दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, पटना। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) जेईई-मेन जनवरी सत्र के लिए 22 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगा। पहले ही दिन 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। ओबीसी और ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को पहले दिन आवेदन में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
अभ्यर्थियों ने बताया कि उनसे सर्टिफिकेट आइडी एवं इश्यू डेट के साथ-साथ प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी का नाम भी मांगा है। इसके बगैर आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। आवेदन से पूर्व सर्टिफिकेट बनवाना ही होगा, बगैर सर्टिफिकेट इस बार आवेदन संभव नहीं होगा। यह व्यवस्था पहली बार की गई है।
अब तक ऐसी थी व्यवस्था
अबतक अभ्यर्थी सिर्फ अपनी श्रेणी भर देते थे। अभ्यर्थियों ने एनटीए से इसके लिए अतिरिक्त समय की मांग की है। जाति प्रमाण पत्र बनने में तीन से चार सप्ताह का समय लगता है। एनटीए द्वारा जारी सूचना बुलेटिन के अनुसार जेईई मेन में इस बार समान स्कोर होने पर रैंक की वरीयता देने के नियम में भी बदलाव किया गया है।दो अभ्यर्थियों का स्कोर समान होगा तो आल इंडिया रैंक में इस बार विषयवार वरीयता दी जाएगी। सर्वप्रथम गणित में प्राप्त अंक, उसके बाद फिजिक्स तथा इसमें भी समान होने पर केमिस्ट्री में प्राप्त अंक के आधार पर वरीयता निर्धारित की जाएगी।
तीनों विषयों में समान अंक होने पर गणित के कम ऋणात्मक स्कोर, उसके बाद फिजिक्स के कम ऋणात्मक स्कोर तथा उसके बाद केमिस्ट्री के कम ऋणात्मक स्कोर को वरीयता में प्राथमिकता दी जाएगी।