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नीतीश कुमार की ये डिमांड पूरी करेंगे PM मोदी? 2025 के चुनाव से पहले Bihar CM का मास्टर स्ट्रोक

बिहार ने नीति आयोग की प्रथम सलाहकार बैठक में अपनी विकास दर को बनाए रखने के लिए केंद्र से अतिरिक्त सहायता की मांग की है। राज्य ने उच्च विद्यालयों की स्थापना मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की नियुक्ति मेट्रो परियोजनाओं हवाई अड्डों के निर्माण और सड़क परियोजनाओं के लिए सहायता का अनुरोध किया है। साथ ही बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए भी सहयोग मांगा है।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 31 Oct 2024 02:19 PM (IST)
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एक चुनावी रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार ने नीति आयोग की प्रथम सलाहकार बैठक में बिहार की विकास दर को बरकरार रखने के लिए केंद्र से अतिरिक्त सहायता की मांग की है। बुधवार को पूर्वोदय राज्यों बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिमी बंगाल के विकास के लिए व्यापक योजना दृष्टिकोण का प्रारूप तैयार करने के लिए प्रथम सलाहकार समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चन्द ने की।

केंद्र की ओर से आयोजित बैठक में बिहार की विकास दर की चर्चा की गई। अभी बिहार की विकास दर सात प्रतिशत के करीब है। जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इस वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए बिहार ने विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। 

बैठक में बिहार की ओर से शामिल हुए प्रदेश के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा  ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में उच्च विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्रीय सहायता की मांग भी की। उन्होंने बताया कि राज्य में 16 नए मेडिकल कालेज स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें पांच वर्षों में 1500 से अधिक डाक्टरों  की नियुक्ति की जाएगी।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर में मेट्रो परियोजनाओं के लिए भी केंद्र से सहायता का अनुरोध किया। उन्होंने पूर्णिया और भागलपुर एयरपोर्ट के लिए निर्माण का भी प्रस्ताव दिया। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 12 सड़क परियोजनाओं में से गया की सड़कों के टेंडर को शीघ्रता से अंतिम रूप देने का अनुरोध किया।

मुख्य सचिव मीणा ने बांधों के निर्माण, पुरानी नहरों के पुनर्जीवन, बांधों की ऊंचाई बढ़ाने और नदियों से गाद हटाने में सहायता का भी अनुरोध किया। साथ ही बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सहयोग की मांग की है।

5500 और पैक्सों में स्थापित होंगे कृषि यंत्र बैंक

सहकारिता मंत्री डा. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को नाबार्ड के प्रतिनिधियों के साथ पैक्सों का बहुद्देश्यीय विकास को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में 2025 तक सभी पैक्सों का कंप्यूटराइजेशन कार्य पूरा करने पर सहमति बनी। साथ ही राज्य के 5500 पैक्सों में कृषि यंत्र बैंक स्थापित करने पर विचार किया गया। इसके लिए मंत्री ने प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। बैठक में मंत्री प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना का ज्यादा से ज्यादा विस्तार पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि इस योजना से अब तक 2978 पैक्सों में कृषि यंत्र बैंक स्थापित किया जा चुका है। इन बैंकों में कृषि यंत्रों की संख्या 15,497 है जिस पर 341.46 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है। उन्होंने राज्य के शेष बचे 5500 पैक्सों को भी इस योजना से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना का मुख्य उद्देश्य पैक्सों में कृषि बैंक स्थापित करना है, जिसके माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों की आधुनिक कृषि उपकरणों का लाभ मिल सके।

इस बैठक में राज्य में 92 किसान उत्पादक संघ के निबंधन होने की जानकारी दी गई। प्रत्येक पैक्स को कृषि यंत्र क्रय करने हेतु 50 प्रतिशत ऋण (ब्याज सहित) एवं 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में कुल 15 लाख रुपये दिया जा रहा है। बैठक में सचिव धर्मेन्द्र सिंह, सचिव, नाबार्ड मुख्य महाप्रबंधक केबी सिन्हा, अपर निबंधक प्रभात कुमार, उपनिदेशक श्वेता कुजुर, संयुक्त निबंधक कामेश्वर ठाकुर समेत अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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