Chhath Puja 2024 Live: छठ महापर्व के आखिरी दिन व्रतियों ने दिया उगते सूर्य को अर्घ्य, सामने आईं तस्वीरें
आज छठ महापर्व का आखिरी दिन है। 5 नवंबर से शुरू हुए 4 दिवसीय महापर्व के आखिरी दिन व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण करेंगे। राजधानी सहित राज्य के अलग-अलग हिस्सों से छठ महापर्व के आखिरी दिन उदीयमान सूरज को अर्घ्य देते हुए तस्वीरें सामने आई हैं। आप भी देखिए...
जागरण संवाददाता, पटना। नहाय-खाय से शुरू हुआ 4 दिवसीय छठ महापर्व का आज आखिरी दिन था। आज व्रती उदीयमान सूरज को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण किया।
इसके साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन भी हो गया। बिहार सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में व्रतियों ने आज उदीयमान सूरज को अर्घ्य दिया। इस मौके की कई तस्वीरें सामने आई हैं।बिहार के प्रमुख शहरों में सूर्योदय का समय
पटना- 06:02 प्रातःगया- 06:02 प्रातः
भागलपुर- 05:55 प्रातःपूर्णिया- 05:53 प्रातःसूर्यदेव के दर्शन और अर्घ्य अर्पण करने के लिए तैयार होती छठ व्रती।
छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर के उदीयमान होने के बाद उन्हें अर्घ्य अर्पण किया।अर्घ्य अर्पण के दौरान का एक दृश्य।तालाब के किनारे अर्घ्य अर्पण के आई छठ व्रती महिलाएं।
शिवहर: उदीयमान सूर्य के अर्घ्य के पूर्व हाथी की पूजा के लिए सजा शहर का छठ घाट।शिवहर: दीपों से सजा शहर का छठ घाट।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।आंखों देखी: आतुर निगाहों ने उगते सूर्यदेव को अर्पित किया अर्घ्य
सूर्यदेव के उदित होने की इतनी आतुरता छठ में ही दिखती है। शुक्रवार की सुबह 6:32 बजे जैसे ही हल्की धुंध को चीरकर सूर्यदेव दृश्यमान हुए, घाटों पर जमे श्रद्धालुओं और व्रतियों के बीच हर्षातिरेक फैल गया। पटना से जागरण संवाददाता प्रशांत सिंह ने बयां किया आंखों देखा हाल। घाट पर माइक पर बज रहे गीत में 'उगअ हो सुरुज देव' की कामना पूरी हुई। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ का अंतिम अनुष्ठान उदीयमान सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पण का क्रम प्रारंभ हो गया।जमुई के खैरा में भगवान सूर्य को नमन कर आराधना करती छठ व्रती।चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लेने की होड़
गोस्वामी तुलसीदास रचित चौपाई 'क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा, पंच रचित अति अधम सरीरा' का अलौकिक समन्वय, अद्भुत कोलाज। पांव धरती और जल में जमे, हाथ में लिए सूप में दैदीप्यमान दीप, आंखें गगन की ओर टिकीं, इन सारी प्रक्रियाओं के साक्षी मंद-मंद बहती समीर। अर्घ्य अर्पण की प्रक्रिया सम्पन्न होने पर संक्षिप्त हवन किए गए। फिर छठव्रतियों के चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लेने की होड़ मच गई, 36 घंटे के निर्जला व्रत के प्रभाव से शांतचित्त व्रतियों ने भी बिना भेदभाव किए जाने-अनजाने सभी श्रद्धालुओं को आशीष दिए। जमुई में छठ घाट पर पहुंचे लोगों ने सूर्यदेव से सुख-शांति की प्रार्थना की। शिवहर: पुरनहिया प्रखंड के अदौरी स्थित बागमती नदी छठ घाट पर स्थापित सूर्यनारायण की प्रतिमा।शिवहर : सिर पर दउरा लेकर छठ घाट जाते कटैया आईएएस अधिकारी प्रिंस कुमार। शिवहर: शहर के छठ घाट पर विधि- व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे एसडीओ व एसडीपीओ।घाटों से घरों की ओर बढ़ चले कदम
इसके बाद शुरू हुआ, प्रसाद वितरण और प्रसाद मांगने का समाजवादी स्वरूप। न किसी को किसी से मांगने में संकोच और न किसी व्रती या स्वजन के मन में वितरण में भेदभाव। जितना है, जैसा है, मिल बांटकर ग्रहण करने का मनोभाव। इसके साथ ही अगले वर्ष फिर छठ के कठिन अनुष्ठान योग्य स्वास्थ्य बनाए रखने की कामना के साथ गंगा सहित विभिन्न जलाशयों के घाटों से व्रतियों और श्रद्धालुओं के कदम घरों की ओर बढ़ चले। चार दिवसीय अनुष्ठान में समर्पित तन और मन अब सूर्यदेव और छठी माई के आशीष के संबल के साथ आजीविका के संघर्ष में जुटने को तैयार। जमुई के खैरा में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते श्रद्धालु।शिवहर: ऐतिहासिक देकुली धाम स्थित छठ घाट पर भक्ति में लीन श्रद्धालु।खगड़िया के बूढ़ी गंडक अघोरी स्थान घाट पर प्रातः कालीन अर्घ्य देने के दौरान जुटे श्रद्धालु। शिवहर में सूर्यदेव का इंतजार खत्म होने पर सुंदर नाजारा देखने को मिला। इसके बाद भक्तों ने अर्घ्य देना शुरू कर दिया। खगड़िया के मटिहानी गंगा घाट पर सुबह अर्घ्य के दौरान उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।शिवहर: उदीयमान सूरज को अर्घ्य देतीं व्रती महिलाएं।देव सूर्यकुंड तालाब पर अर्घ्य देने को लेकर व्रतियों का उमड़ा जनसैलाब।शिवहर: सुगिया गांव स्थित छठ घाट पर सूर्य नारायण का इंतजार करते व्रती।औरंगाबाद जिला के देव स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में शुक्रवार सुबह दर्शन करने को लेकर उमड़े श्रद्धालु।औरंगाबाद जिले के देव के ऐतिहासिक सूर्यकुंड तालाब में 10 लाख से अधिक छठ व्रतियों ने लिया उगते सूर्य को अर्घ्य।जगह-जगह दीप प्रज्ज्वलन और भजन-कीर्तन का क्रम चलता रहा।रात में भी तालाब के किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई।तालाब किनारे सुबह से ही श्रद्धालु जुटे हुए थे।छठ पर्व के समापन के मौके पर कुछ इस तरह का नजारा भी देखने को मिला।यह भी पढ़ेंChhath Puja 2024: पटना-भागलपुर समेत अन्य शहरों में क्या है सूर्योदय का सही समय, कब खत्म होगा निर्जला उपवास?Happy Chhath Puja 2024 Wishes: इन भक्तिमय संदेशों से दें अपने प्रियजनों को छठ पूजा की शुभकामनाएं, घर में होगा छठी माता का वास