सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम खोलेगा किसानों की आय का रास्ता, महज 375 रुपये में हो जाएगा ये काम
बिहार राज्य बीज निगम का सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम किसानों के लिए आय बढ़ाने का एक शानदार मौका है। इस कार्यक्रम से जुड़कर किसान बीज उत्पादक बन सकते हैं और गेहूं अरहर मरुआ बाजरा ज्वार कोदो चीना सावा कउनी आदि फसलों के बीज का उत्पादन कर सकते हैं। किसानों को आधार बीज निरीक्षण शुल्क प्रोसेसिंग और न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा।
जागरण संवाददाता, पटना। फसल का उत्पादन तो लगभग सभी किसान करते हैं। उत्पादित फसलों को बेचकर किसान अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन बीज का उत्पादन कर किसान अपनी आय और बढ़ा सकते हैं। प्रदेश के किसान बिहार राज्य बीज निगम के सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम (बीज उत्पादन योजना) से जुड़कर बीज उत्पादक बनकर आर्थिक रूप से और भी समृद्ध हो सकते हैं।
सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से कैसे जुड़ें किसान:
सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से जुड़ने के लिए किसानों को बिहार राज्य बीज निगम के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद किसानों को बिहार राज्य बिज निगम के क्षेत्रीय कार्यालय कुदरा (कैमुर), शेरघाटी (गया), हाजीपुर (वैशलाी), बेगूसराय और भागलपुर के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रबंधक से संपर्क कर आधार बीज ले सकते हैं।
किसानों को मिलेगा आधार बीज:
बीज उत्पादक बनने के लिए किसानों को आधार बीज दिया जाएगा। गेहूं के बीज के साथ-साथ किसान अरहर, मरुआ, बाजरा, ज्वार, कोदो, चीना, सावा, कउनी का बीज उत्पादक बन सकते हैं। 2833 किसान बीज बिहार राज्य बीज निगम के सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से जुड़कर बीज का उत्पादन कर रहे हैं। मोटे अनाज के बीज उत्पादन पर किसानों को तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल अनुदान भी दिया जा रहा है।375 रुपये लगेगा क्षेत्र निरीक्षण शुल्क:
प्रति हेक्टेयर किसानों को 375 रुपये निरीक्षण शुल्क देना होगा। 25 रुपये निबंधन शुल्क देना होगा। सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम के लिए कम से कम एक गांव में 10 हेक्टेयर खेती में सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम की शुरुआत करनी होगी। उपज होने के बाद बीज के अंकुरण की जांच राजकीय बीज विश्लेषण प्रयोगशाला में की जाएगी। यहां से पास होने के बाद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर पहला भुगतना किया जाएगा।
प्रोसेसिंग में होगी बीज की साफ-सफाई:
बीज के जांच के बाद बीज की प्रोसेसिंग बसोका (बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी) के देखरेख में की जाएगी। जहां बीज की साफ-सफाई होगी और एक साइज के बीज को अलग किया जाएगा। प्रासेस किए गए बीज पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 20 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। प्रोसेस के बाद अंडर साइज बीज किसानों को वापस दे दिए जाएंगे। एक साइज वाले बीज को निगम अपने पास रख लेगा।फसल लगाने से लेकर कटने तक निरीक्षण:
फसल लगने से लेकर कटने तक बसोका (बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी) के इंस्पेक्टर विभिन्न अवस्थाओं में फसल के निरीक्षण के लिए आएंगे। बीज की प्रति बोरी के लिए किसानों को 25 रुपये दिए जाएंगे। किसानों को अपने खेत से संग्रहण केंद्र तक बीज पहुंचाना होगा।ये भी पढ़ें- Bihar Land Mutation: क्यों पेंडिंग हैं दाखिल खारिज के अनेकों मामले? अब सामने आई असली वजह, यहां समझें पूरी बात
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।