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पिता की मौत के बाद करने लगे थे ढ़ाबे पर काम, एक ऑफर ने बदल दी जिंदगी

फिल्‍मी दुनिया में एक अभिनेता और कॉमेडियन के तौर पर छवी बनाने वाले संजय मिश्रा कभी ढ़ाबे पर काम किया करते थे।

By Ravi RanjanEdited By: Updated: Sat, 01 Jul 2017 08:52 PM (IST)
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पिता की मौत के बाद करने लगे थे ढ़ाबे पर काम, एक ऑफर ने बदल दी जिंदगी

पटना [जेएनएन]। आज शायद ही कोई सिनेप्रेमी होगा जो संजय मिश्रा को न जानता हो। उनकी एक्टिंग की तारीफ न करता हो। लेकिन क्या आपको मालूम है कि बिहार के दरभंगा में जन्मे संजय मिश्रा पिता की मौत के बाद अभिनय छोड़कर ढ़ाबे के पास का करने लगे थे!

ढ़ाबे पर काम करने के दौरान फिल्म निर्माता-निर्देशक रोहित शेट्टी ने उन्हें गोलमाल फिल्म में काम करने का आॅफर दिया। इसके बाद से वे फिर से फिल्मी दुनिया में छा गये।

संजय मिश्रा मूल रूप से बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं। उनके पिता शम्भुनाथ मिश्रा पेशे से पत्रकार थे और उनके दादा डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट थे। जब वे नौ साल के थे तो उनकी फैमिली वाराणसी शिफ्ट हो गई थी।

संजय ने अपनी पढ़ाई वाराणसी से केंद्रीय विद्यालय बीएचयू कैम्पस से की। इसके बाद इन्होंने बैचलर की डिग्री साल 1989 में पूरी करने के बाद 1991 में राष्ट्रीय ड्रामा स्कूल में एडमिशन लिया। 

संजय ने अपने कैरियर की शुरूआत सीरियल चाणक्य से की थी। कैरियर के शुरूआती दौर में ही उनके पिता का देहांत हो गया और मजबूरी में वे उत्तराखंड के ऋषिकेश चले गये। एक ढ़ाबे पर काम करने लगे। इस बीच एक दिन रोहित शेट्टी ने उन्हें अपनी फिल्म 'गोलमाल' में काम करने का ऑफर दिया। 

संजय इस फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे लेकिन रोहित के काफी कहने पर वे तैयार हो गये। इसके बाद रोहित ने ही अपनी अगली फिल्म 'ऑल द बेस्ट' में एक बार काम करने का ऑफर दिया। इसके बाद तो फिर संजय ने पलटकर नहीं देखा।

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कभी तंगहाली की जिंदगी जीने वाले संजय मिश्रा आज करोड़ों के मालिक हैं। उनके पास फॉर्च्यूनर और BMW जैसी लक्जरी गाड़ियां हैं। पटना और मुंबई में कई घर हैं। 

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