नीतीश कुमार ने कहा - बेटियों को पढ़ा देंगे तो बदल जाएगा बिहार का भविष्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में बेटियों की शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। हमारा मानना है कि बेटियां पढ जाएंगी तो बिहार का भविष्य बदल जाएगा।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Mon, 05 Sep 2016 10:21 PM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार में पिछले कुछ वर्षों में काफी कुछ हुआ है पर अभी हमें मीलों आगे जाना है। हमारी प्रतिबद्धता अब क्वालिटी एजुकेशन है। यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती भी है। ऐसा नहीं है कि शिक्षा की गुणवत्ता सिर्फ बिहार की चिंता है। अमेरिका सहित पूरे विश्व में इस पर चर्चा होती है। यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है।
हम संस्थान तो बहुत बनाएंगे पर उसकी गुणवत्ता शिक्षकों पर निर्भर है। शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करें। बेटियों को पढ़ाना जरूरी है क्योंकि बेटियां पढ़ गईं तो बिहार का भविष्य बदल जाएगा। स्थानीय एसके मेमोरियल हॉल में शिक्षक दिवस के मौके पर आयोजित राजकीय समारोह में मु्र्ख्यमंत्री ने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ग्यारह शिक्षकों को सम्मानित भी किया।घटी है स्कूलों से बाहर रहने वालों की तादाद मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब बिहार में 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे। उनकी सरकार ने इस दिशा में काम किए। कई कार्यक्रम चलाये। आज सिर्फ एक प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर रह गए हैैं। पोशाक योजना और साइकिल योजना का असर है कि आज 8.15 लाख लड़कियां नौवीं कक्षा में पढ़ रही हैैं। जिस समय यह योजना शुरू हुई थी उस समय 1.70 लाख लड़कियां ही नौवीं कक्षा में थीं।
परीक्षा प्रणाली से खत्म करेंगे भ्रष्टाचार परीक्षा समिति में हुई मेधा घोटाले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी ऐसी घटना घट जाती है तो चीजें और बेहतर बन जाती है। मीडिया ने इसे उजागर किया और बिहार ने इसे चुनौती के रूप में लिया है। जब तक हम परीक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार की संभावना पूरी तरह से खत्म नहीं कर देंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।इस प्रकरण में ऐसी कार्रवाई हो रही है जो देश के लिए नजीर बनेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सरकार के सात निश्चय के तहत स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता, कुशल युवा, वाई-फाई योजना व स्टार्टअप कैपिटल की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सप्ताह दस दिनों के भीतर स्टार्टअप कैपिटल योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। वाई-फाई योजना जनवरी-फरवरी में शुरू हो जाएगी।विवि करें एकेडमिक कैलेंडर का अनुपालन उन्होंने चुटकी लेते हुए यह हिदायत भी दी कि वाईफाई का उपयोग पढ़ाई के लिए कीजिए। एक बार पटना में जब वाई-फाई मुफ्त मिला तो लोग तीन-तीन सौ फिल्म डाउनलोड कर लिए। विश्वविद्यालयों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा में वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। उनकी चाहत सिर्फ इतनी है कि एकेडमिक कैलेंडर का अनुपालन हो। समय पर पढाई, समय पर परीक्षा और समय पर रिजल्ट हो। उनकी कोशिश है कि बिहार के विद्यार्थियों को बाहर का चक्कर नहीं लगाना पड़े। सभी जिले में इंजीनियङ्क्षरग कालेज खोले जा रहे व पढ़ाई की अन्य व्यवस्था की जा रही।
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