CM नीतीश ने किया एलान : शराबबंदी से बेरोजगार हुए लोगों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी से बेरोजगार हुए लोगों के रोजगार के लिए सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसकी शुरुआत पूर्णिया से की।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Tue, 14 Jun 2016 07:32 PM (IST)
पटना [वेब डेस्क]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी से बेरोजगार हुए सभी लोगों के रोजगार के लिए सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करेगी। इसकी शुरुआत पूर्णिया से हो गई है।
सोमवार को पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित जीविका के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार ने व्यापक योजना बनाई है। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अब फैसला आपको करना है कि बुरा काम कर पैसे कमाने हैं या फिर अच्छा काम करना है।पढें-अवध विवि का गोरखधंधा, एक साल में ही दे दी एमए की डिग्री...होगी जांच उन्होंने कहा कि जीविका के माध्यम से सूबे में करीब पांच लाख महिलाओं के समूह बनाये गये हैं। 2017 तक सरकार ने और दस लाख समूह बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें करीब डेढ़ करोड़ परिवार जुड़ेंगे। इन परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री ने आधी आबादी में आये इस बदलाव को मौन क्रांति की संज्ञा देते हुए कहा कि आनेवाले दिनों में यह बदलाव दिखने लगेगा। इसके लिए उन्होंने समूहों में जुड़ने वाली महिलाओं को धन्यवाद दिया और कहा कि यह सब आपके सहयोग से ही हो सका है।पढें- बिहार का एक गांव, जो हर साल पैदा कर रहा आइआइटीयंस
सीएम ने महिलाओं से कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद भी आप निश्चित मत होईएगा क्योंकि कहा जाता है कि सावधानी हटी तो दुघर्टना घटी। हमेशा इस मामले में नजर बनाये रखना है। अगर कहीं भी शराब की भट्टी नजर आये तो उसे तत्काल ध्वस्त कर दें पूरा सरकार एवं प्रशासन आपके साथ है। सीएम ने कहा कि शराब पीने वाले से लेकर उसे बेचने एवं बनाने वाले के खिलाफ सरकार ने कड़े कानून बनाये हैं इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी से पूरे राज्य में खुशी का माहौल दिख रहा है और इसकी चर्चा बिहार से ज्यादा दूसरे राज्यों में हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष में बैठे लोग उनका मजाक उड़ाते हैं लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं। जब सूबे में शराबबंदी लागू की तो कई लोगों ने उन्हें गालियां तक दी लेकिन कल तक गाली देने वाले भी आज मानने लगे हैं कि शराबबंदी का फैसला सही था। उन्होंने कहा कि वे किसी भी मामले में जिसे सूबे का अहित जुड़ा हुआ है समझौता करने वाले नहीं हैं।उन्होंने कहा कि जब सूबे में शराबबंदी लागू हुई तो पांच हजार करोड़ के राजस्व का घाटा हुआ मगर दो करोड़ परिवारों में शराबबंदी के बाद जो खुशियां लौटी है वह अतुलनीय है। सीएम ने कहा कि महिलाओं ने ही सूबे में शराबबंदी का माहौल तैयार किया और उन्हीं के सहयोग से शराबबंदी लागू करने में सफलता भी मिली।उन्होंने कहा कि शराबबंदी की आवाज अब झारखंड से लेकर यूपी और महाराष्ट्र तक गूंज रही है। इससे बिहार का मान और सम्मान बढ़ा है लेकिन कुछ लोगों को यह बात हजम नहीं हो रही है, लेकिन उससे क्या फर्क पड़ता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शुरू में जब शराबबंदी की गई तो जो तबका नाराज था, वह भी अब खुश है। शराबबंदी से लोगों का स्वास्थ्य व स्वभाव दोनों बदला है।
नीतीश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में डिग्री घोटाले को लेकर जो बातें सामने आईं हैं उसमें हमने तो पहले पांच दिनों तक देखा कि शिक्षा विभाग क्या कर रहा है। उसके बाद जब हमने देखा तो तत्काल फैसला किया कि यह मामला जांच का नहीं है यह अपराध है और इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई हो।सीएम ने साफ किया कि किसी भी मामले में आरोपी चाहे कोई भी हो और कितना भी ताकतवर हो कार्रवाई की जायेगी। इसके पूर्व सीएम ने प्रमंडलीय सभागार में प्रमंडल के सभी सांसद विधायकों के साथ बैठक की जिसमें कई जनप्रतिनिधियों द्वारा पूर्णिया में विश्वविद्यालय की मांग किये जाने पर जिलाधिकारी को इसके लिये जमीन खोजने का निर्देश देते हुए इसी विधानसभा में इसके लिये प्रस्ताव लाने की बात कही।
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