चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, शरद का दावा खारिज, नीतीश का हुआ जदयू
चुनाव आयोग ने जदयू के विवाद का समाधान कर दिया है। आयोग ने पार्टी के बागी शरद की दावेदारी को खारिज करते हुए नीतीश कुमार के जदयू के पक्ष में फैसला दिया है।
By Amit AlokEdited By: Updated: Wed, 13 Sep 2017 10:44 AM (IST)
पटना [जेएनएन]। चुनाव आयोग ने असली-नकली जदयू का फैसला कर दिया है। आयोग ने मंगलवार को पार्टी के बागी शरद यादव के जदयू के सिंबल पर दावे को खारिज कर दिया है। इसके साथ अब यह तय हो गया है कि नीतीश कुमार का जदयू ही असली है। दूसरी ओर शरद कैंप के सांसद अली अनवर ने आयोग के फैसले से असंतोष जताते हुए कहा कि वे कानूनी राय लेंगे। जरूरत हुई तो कोर्ट भी जाएंगे।
जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने पार्टी के बागी नेता शरद यादव के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने जदयू पर अपनी दावेदारी की थी। जदयू के शरद गुट ने बीते 25 अगस्त को पार्टी सिंबल पर अधिकार जताया था। लेकिन, शरद यादव अपने दावे के पक्ष में अपेक्षित कागजात उपलब्ध नहीं करा सके।शरद की दोवदरी के बाद जदयू ने भी चुनाव आयोग से मिलकर शरद के दावे के खिलाफ और अपने पक्ष में दावेदारी पेश की। जदयू का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद आरसीपी सिंह के नेतृत्व में बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग से मिला और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए कहा कि शरद की दावेदारी का कोई आधार नहीं है।
आयोग ने कहा है कि दावे के साथ पर्याप्त समर्थन का दस्तावेज नहीं है। ऐसे में इस आवेदन पर कोई विचार ही नहीं किया जा सकता है। जबकि, नीतीश कुमार का खेमा पहले ही सांसदों, विधायकों और 145 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के समर्थन की सूची दे चुका है। हालांकि, शरद यादव कैंप के पास फिर से आवेदन देने का अधिकार है, लेकिन जाहिर है कि आगे की लड़ाई बहुत मुश्किल हो गई है।
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आयोग ने कहा है कि दावे के साथ पर्याप्त समर्थन का दस्तावेज नहीं है। ऐसे में इस आवेदन पर कोई विचार ही नहीं किया जा सकता है। जबकि, नीतीश कुमार का खेमा पहले ही सांसदों, विधायकों और 145 राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के समर्थन की सूची दे चुका है। हालांकि, शरद यादव कैंप के पास फिर से आवेदन देने का अधिकार है, लेकिन जाहिर है कि आगे की लड़ाई बहुत मुश्किल हो गई है।
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चुनाव आयोग के फैसले को नीतीश कुमार कैंप के लिए बड़ी जीत इसलिए माना जा सकता है, क्योंकि पर्याप्त से अधिक समर्थन की सूची उन्होंने पहले ही दे दी है। शरद कैंप दोबारा आयोग में जाता भी है तो हस्ताक्षर के साथ समर्थन की सूची हासिल करना संभव नहीं होगा।यह भी पढ़ें: चुनाव आयोग के फैसले पर बोले केसी त्यागी- शरद की राज्यसभा सदस्यता भी जायेगी
जदयू के महासचिव संजय ने दावा किया कि आगे राज्यसभा सदस्यता मामले में भी उनकी मांग मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब चुनाव आयोग के फैसले की प्रति भी राज्यसभा में दी जाएगी और कहा जाएगा कि शरद यादव ने आधिकारिक पार्टी का उल्लंघन किया और लगातार कर रहे हैैं। लिहाजा उनकी सदस्यता जानी चाहिए।यह भी पढ़ें: लालू बोले- नीतीश को घपला इंजीनियरिंग में महारत, FIR दर्ज करवा कर ही छोड़ेगेविदित हो कि पार्टी लाइन से अलग चल रहे शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए भी जदयू ने राज्यसभा के सभापति से आग्रह किया है। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने नोटिस भेजकर शरद से स्पष्टीकरण मांगा है।वहीं दूसरी ओर शरद कैंप के सिपाही और सांसद अली अनवर ने आयोग के फैसले से असंतोष जताते हुए कहा कि वे इस मसले पर कानूनी राय लेंगे। जरूरत हुई तो कोर्ट में भी आयोग के फैसले को चुनौती दी जाएगी।यह भी पढ़ें: मुश्किलों से घिरे लालू ने बदला अंदाज, शुरू की व्यक्तिगत हमलों की राजनीति
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