पूजा पंडालों व देवी मंदिरों के पट खुले, मां दुर्गा के दर्शनों को लगा तांता
सप्तमी की पारंपरिक पूजा के साथ ही राज्य में स्थापित सभी पंडालों के पट खुल गए हैं और अब मंदिरों से लेकर पंडालों तक में स्थापित देवी प्रतिमाओं के दर्शनों के लिए कतारें लगी हैं।
By Pramod PandeyEdited By: Updated: Sat, 08 Oct 2016 05:24 PM (IST)
पटना [ जागरण टीम ]। आश्विन शुक्ल सप्तमी की पूजा के साथ ही पूरे राज्य में पूजा पंडालों के पट खुल गए हैं। इसके साथ ही जगह-जगह मेले की धूम शुरू हो गई है। मंदिरों व पूजा पंडालों में देवीदर्शनों को भीड़ लगनी शुरू हो गई है। शहरी इलाके में भीड़ शाम को होगी लेकिन राज्य के कस्बाई शहरों व देहात में स्थापित मंदिरों में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।
दशहरे के दस दिनों में षष्ठी तक देवी पूजन के दौरान कपाट बंद रहते हैं। लेकिन सप्तमी के दिन पूजा के साथ ही कपाट खोल दिेए जाने से मंदिरों में दर्शनों की धूम शुरू हो जाती है। मंदिरों में अभी महिलाओं बच्चों की भीड़ अधिक दिख रही है। पूजा पंडालों के पास मेले भी लग गए हैं जिससे सभी पंडालों की रौनक निखर गई है। देवी मंदिरों के आसपास मेले के कारण भारी भीड़ लगी है। पिछले कई दिनों के अंतराल के बाद मौसम के करवट लेने से कई जगह बारिश भी हो रही है जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। लेकिन राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम साफ होने से राहत है। लोग पूजा के लिए पंडालों में पहुंच रहे हैं और मनौतियां भी मान रहे हैं। सप्तमी को देवी का खोंइछा भरने की भी परंपरा कई जिलों में है। इसे लेकर गांव के देवी स्थान से लेकर पूजा पंडालों तक में महिलाओं की कतारें लगी हैं।इसे भी पढ़ेंः जयमंगला स्थानः यहां मां के सिद्धिदात्री व मंगलास्वरूप की होती पूजा
सप्तमी के दिन जगह-जगह पारंपरिक पूजा के बाद देवी दुर्गा की शोभायात्राएं भी निकाली गईं। शोभायात्राओं में झांकियों के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने नगर परिक्रमा की। इस आयोजन को लेकर उत्साह का आलम रहा। इस बीच पूजा पंडालों के पट खुलने के साथ ही जगह-जगह चल रहे सांस्कृतिक आयोजनों ने रफ्तार पकड़ ली है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।