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पटना-दीघा रेलखंड में आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपैया

पटना : पटना-दीघा रेलखंड दानापुर रेल मंडल का ऐसा खंड है जिससे रेलवे को प्रति माह चार से

By JagranEdited By: Updated: Thu, 20 Jul 2017 03:03 AM (IST)
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पटना-दीघा रेलखंड में आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपैया

पटना : पटना-दीघा रेलखंड दानापुर रेल मंडल का ऐसा खंड है जिससे रेलवे को प्रति माह चार से पांच हजार रुपये की कमाई होती है। अगर परिचालन लागत की बात करें तो इस रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन में प्रति माह 20 लाख रुपये से अधिक खर्च होते हैं। 'आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया' वाली कहावत इस रेलखंड पर पूरी तरह फिट बैठती है।

इस रेलखंड से गुजरने वाली चार से पांच बोगी वाली ट्रेन में मुश्किल से चार-पांच यात्री सवार होते हैं। किसी के पास भी टिकट नहीं होता। इस रूट के ठेकेदार स्वयं ही निर्धारित संख्या में टिकट खरीद लेते हैं और कमीशन से काम चला लेते हैं।

आर. ब्लाक से दीघा के बीच लगभग सात किलोमीटर की दूरी में सात स्टेशन बनाए गए हैं। इस दूरी में सात-हाल्ट हैं। ये हैं- आर.ब्लॉक, पुराना सचिवालय, बेली रोड, पुनाईचक, शिवपुरी, राजीव नगर एवं दीघा हाल्ट। कहने को इन स्टेशनों पर टिकट काउंटर भी हैं परंतु किसी भी काउंटर से अनारक्षित टिकट की बिक्री नहीं होती है। सात स्टेशनों से पूरे माह में 700-800 टिकट बिकते हैं। टिकट बिक्री से रेलवे को लगभग चार हजार रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है। जबकि इतने टिकट की बिक्री पर रेलवे को ठेकेदारी पर कमीशन के रूप में 3500 से 4000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है।

चलती हैं दो जोड़ी सवारी गाड़ियां :

इस रेलखंड पर सुबह और शाम मिलाकर दो जोड़ी डेमू ट्रेनों का परिचालन दानापुर मंडल की ओर से किया जा रहा है। इन ट्रेनों में मुश्किल से चार-पांच यात्री सवार होकर यात्रा करते हैं। सुबह-शाम जब यह ट्रेन बेली रोड को पार करती है तो क्रॉसिंग बंद होने से दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती हैं।

बिहार सरकार बनाना चाहती है फोरलेन सड़क :

बिहार सरकार सात किमी लंबी इस रेलखंड को हटाकर फोरलेन सड़क बनाना चाहती है। इसके लिए बिहार सरकार एवं रेलमंत्रालय के बीच कई स्तर पर वार्ता हो चुकी है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी अपनी सहमति दे दी थी। जमीन के बदले जमीन देने की बात कही गई थी। परंतु आज तक इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है।

: 12 साल से घाटे में है रेलखंड :

लालू प्रसाद ने रेलमंत्री बनते ही वर्षो से बंद पड़े आर. ब्लाक-दीघा रेलखंड को चालू करने का निर्णय लिया था। रेलखंड से अतिक्रमण हटाया गया और आज तक इस रेलखंड पर परिचालन जारी है। रेलवे को इस खंड से प्रति माह 17 से 18 लाख रुपये का नुकसान होता है।

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