JDU ने MLA गिरधारी यादव को नोटिस देकर पूछा, क्यों थे शहाबुद्दीन के साथ?
शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई के वक्त मौजूद रहे विधायक गिरधारी यादव पर पार्टी की गाज गिर सकती है। उनसे जदयू ने कारण बताओ नोटिस देते हुए जवाब मांगा है।
पटना [वेब डेस्क]। राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का समर्थन जदयू विधायक गिरधारी यादव को महंगा पड़ गया है। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस देकर पूछा है कि किन परिस्थितियों में वे शहाबुद्दीन के साथ थे और नीतीश की आलोचना सुनने की नौबत क्यों आई? इस नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
बताया गया है कि सोमवार की सुबह जदयू की उच्च स्तरीय बैठक में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, ललन सिंह और विजेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और लंबी चर्चा के बाद गिरधारी यादव पर नोटिस जारी करने की घोषणा की गई।
विदित हो कि शनिवार को भागलपुर जेल से जमानत पर रिहाई के बाद अपने पहले बयान में शहाबुद्दीन ने जदयू सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेता मानने से इंकार कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि उनके नेता लालू प्रसाद हैं। शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री करार दिया। बताया जाता है कि इस दौरान विधायक गिरधारी यादव वहां मौजूद थे। शहाबुद्दीन ने बाद में भी नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिए।
इसके बाद जदयू ने भी शहाबुद्दीन के खिलाफ सख्त रूख अपनाया। पार्टी नेताओं ने कहा कि सरकार हर बीमारी का 'इंजेक्शन' देना जानती है। पार्टी नेतृत्व ने शहाबुद्दीन के करीबी नेताओं पर भी नजरें गड़ा दी हैं। शहाबुद्दीन से मिलने व उनके दरबार में जाने वाले अन्य जदयू नेताओं से स्पष्टीकरण पूछा जा सकता है।
बोले विधायक गिरधारी यादव
उधर जदयू की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद बांका के बेलहर के विधायक गिरधारी यादव ने कहा है कि वे पार्टी के नोटिस का जवाब देंगे। कहा कि शहाबुद्दीन महागठबंधन के नेता हैं इसी कारण वे उनके साथ थे। कहा कि वे जदयू के विधायक हैं और नीतीश कुमार उनके नेता हैं। इसे लेकर कहीं कोई कन्फ्यूजन न था न है।