VIDEO : पत्रकार हत्याकांड में शूटर का खुलासा- शहाबुद्दीन के गुर्गे ने दी थी सुपारी
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में पुलिस को अहम कामयाबी मिली है। पुलिस और एसआइटी की टीम ने संयुक्त रुप से छापेमारी कर पांच शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Wed, 25 May 2016 11:38 PM (IST)
पटना। सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में शामिल पांच शूटरों की गिरफ्तारी के साथ बुधवार को राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस बहुचर्चित हत्याकांड के खुलासे का दावा किया है। हालांकि, इस सनसनीखेज हत्याकांड को किसके इशारे पर अंजाम दिया गया है, इस सवाल पर मुख्यालय खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
पुलिस ने इतना जरूर कहा है कि साजिश पक्ष का खुलासा राजद के बाहुबली पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के प्रमुख शूटरों में शुमार लड्डन मियां की गिरफ्तारी के बाद ही संभव है। लड्डन मियां की गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस की कई टीमें बिहार से लेकर यूपी तक छापेमारी कर रही है। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) सुनील कुमार ने बुधवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में शामिल पांच शूटरों को सिवान से ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, दो जीवित कारतूस और हत्या में इस्तेमाल की गई तीन मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। गिरफ्तार शूटरों में रोहित कुमार, विजय कुमार, राजेश कुमार, ईशू कुमार और सोनू कुमार गुप्ता शामिल हैं। सभी की उम्र 24 से 26 साल की बीच है। सुनील कुमार ने कहा कि रोहित ने राजदेव रंजन पर गोलियां चलाने की बात कबूल ली है। उसने जांच में लगी एसआइटी को उन रास्तों की भी जानकारी दी, जहां से सभी पांच शूटरों ने राजदेव रंजन का पीछा किया था और सिवान के आंदर ढाला स्थित फलमंडी के उस स्थल को भी बताया, जहां राजदेव को गोली मारी गई थी।
एडीजी ने कहा कि एसआइटी ने हत्याकांड में प्रयुक्त जिन तीन मोटरसाइकिलों को बरामद किया है, उनमें एक पर खून के निशान भी मिले हैं। एफएलएस की टीम को बरामद कट्टा और गोलियों के साथ तीनों मोटरसाइकिल जांच के लिए सौंप दिए गए हैं। यह देसी कट्टा 7.65 बोर का है।रोहित से हो रही सघन पूछताछ
एडीजी सुनील कुमार ने बताया कि रोहित कुमार की गिरफ्तारी के बाद उससे सघन पूछताछ की जा रही है। उसकी निशानदेही पर कुछ और गिरफ्तारियों के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। रोहित से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि उसे किसी ने हत्या की सुपारी दी थी। लेकिन, सुपारी देने वाले की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने इतना जरूर कहा कि लड्डन मियां की गिरफ्तारी के बाद ही इस हत्याकांड से पर्दा हटेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल हमें मो. शहाबुद्दीन की खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। लड्डन मियां की गिरफ्तारी के बाद ही इसका खुलासा किया जा सकता है।सीबीआइ को दी एफआइआर की कॉपी एडीजी सुनील कुमार ने बताया कि इस हत्याकांड की जांच सीबीआइ करने वाली है। सीबीआइ ने राजदेव रंजन हत्याकांड में दर्ज प्राथमिकी की कॉपी सिवान के एसपी से मांगी, जिसे उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस इस हत्याकांड के अनुसंधान को तार्किक परिणति तक ले जाएगी।लड्डन मियां का आपराधिक इतिहास खंगालने में जुटी पुलिस यह सर्वविदित है कि लड्डन मियां मो. शहाबुद्दीन का शार्प शूटर है। इस हत्याकांड में उसका नाम आने से पुलिसिया जांच के संकेत साफ हैं। लेकिन, एडीजी इस मामले में खुलकर कुछ भी बताने को तैयार नहीं दिखे। उन्होंने इतना जरूर कहा कि हम लड्डन मियां के आपराधिक इतिहास को खंगाल रहे हैं। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।हत्या के कारणों का खुलासा शेष एडीजी भले ही हत्याकांड के खुलासा का दावा करें, लेकिन पुलिस अभी हत्या के कारणों पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है। हत्या के मकसद पर भी पुलिस मौन है। लड्डन ने आखिर राजदेव की हत्या की सुपारी क्यों दी, यह सवाल अभी भी मुंह बाए खड़ा है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर लड्डन है कौन? लड्डन मियां पर हत्या, अपहरण व रंगदारी के दर्जनों मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार रोहित ने बताया है कि उसे राजदेव की हत्या की सुपारी लड्डन ने दी थी। लडड्न मियां को शहाबुद्दीन के शूटर के रूप में जाना जाता है। पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या से 10 दिनों पहले ही वह जेल से बाहर आया था। लड्डन शहाबुद्दीन के साथ ही सीवान जेल में बंद था। लड्डन रियल एस्टेट का भी कारोबार करता है। जहां तक राजदेव रंजन से लड्डन की अदावत की बात है, राजदेव जमीन के कारोबार को लेकर उसके खिलाफ लिखते रहे थे। राजदेव ने सिवान के अपराध को लेकर भी लिखा था। सिवान जेल में बनी हिट लिस्ट में उनके नाम की चर्चा भी आई थी। हाल ही में राजदेव ने सिवान जेल में शहाबुद्दीन की एक तस्वीर प्रकाशित की थी। बताया यह भी जा रहा है उक्त तस्वीर के सामने आने के बाद राजदेव को धमकी भी मिली थी। उस वक्त लड्डन जेल में ही था। हत्या के कारणों के लड्डन कनेक्शन की पड़ताल के क्रम में पुलिस इन बातों को भी ध्यान में रख रही है। वैसे, हत्या के और भी कारण हो सकते हैं। लड्डन की गिरफ्तारी तक इस मामले में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना संभव नहीं।
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