लालू बोले- बिहार का लिट्टी-चोखा और नीतीश का धोखा हुआ फेमस
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पटना में संवाददाता सम्मेलन में नीतीश कुमार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। कहा कि बिहार के लिट्टी चोखा के बाद अब नीतीश का धोखा हर जगह फेमस हो गया है।
By Ravi RanjanEdited By: Updated: Mon, 21 Aug 2017 10:58 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। सृजन घोटाले के मुद्दे पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर जमकर बरसे। उन्होंने घोटाले को महाघोटाला और राशि को 15 हजार करोड़ के पार बताया। मुख्यमंत्री को पलटू राम और सुशील मोदी को सलटू राम कहते हुए लालू ने कटाक्ष किया और कहा कि बिहारी लिट्टी चोखा के बाद अब नीतीश का धोखा पूरे देश में फेमस हो गया है।
तत्कालीन डीएम, रिजर्व बैंक और एक सामाजिक कार्यकर्ता का हवाला देते हुए लालू ने आरोप लगाया कि खजाना लूटने का काम 10 वर्षों से उक्त दोनों नेताओं के संरक्षण में चल रहा था। सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए लालू ने कहा कि तीन वर्षों से तो सीएम को आधिकारिक जानकारी दी जा रही थी। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अपने आवास पर रविवार को प्रेस कान्फ्रेंस में लालू ने सृजन घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश पर सवाल उठाया और कहा कि जांच के नाम पर नीतीश बेवकूफ बना रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले चार वर्षों से सीएम को घोटाले के बारे में आधिकारिक जानकारी थी।
तत्कालीन डीएम, रिजर्व बैंक और एक सामाजिक कार्यकर्ता का हवाला देते हुए लालू ने आरोप लगाया कि खजाना लूटने का काम 10 वर्षों से उक्त दोनों नेताओं के संरक्षण में चल रहा था। सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए लालू ने कहा कि तीन वर्षों से तो सीएम को आधिकारिक जानकारी दी जा रही थी। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अपने आवास पर रविवार को प्रेस कान्फ्रेंस में लालू ने सृजन घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश पर सवाल उठाया और कहा कि जांच के नाम पर नीतीश बेवकूफ बना रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले चार वर्षों से सीएम को घोटाले के बारे में आधिकारिक जानकारी थी।
25 जुलाई, 2013 को सामाजिक कार्यकर्ता संजीत कुमार ने सीएम को विस्तृत पत्र लिखा था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उल्टे मनोरमा देवी से सम्मानित होते रहे और खजाना लूटने वालों को बचाते रहे। लालू ने कहा कि 9 सितंबर, 2013 को रिजर्व बैंक ने पत्र लिखकर सृजन की जांच कराने को कहा था।
को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार को भी कहा गया था, किंतु रिजर्व बैंक के संदेह को दरकिनार कर दिया। भागलपुर के तत्कालीन डीएम ने भी सृजन की जांच का आदेश दिया था, लेकिन उसका तबादला कर दिया गया। नीतीश बताएं कि ऐसा क्यों किया गया?
बिहार सरकार की बर्खास्त अधिकारी जयश्री ठाकुर का मामला उठाते हुए लालू ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा ने उसे सृजन घोटाले में लिप्त पाया था। करोड़ों रुपये जब्त किए थे, किंतु पूरे घोटाले का अनुसंधान फिर भी नहीं किया गया। तत्कालीन प्रधान सचिव ने कहा था कि जयश्री को बर्खास्त करने का अधिकार सीएम के पास है। फिर भी उसकी पोस्टिंग भागलपुर और बांका में ही होती रही। गृह और सामान्य प्रशासन विभाग भी सीएम के पास ही था।यह भी पढ़ें: शिवानंद तिवारी का वनवास हुआ खत्म, लालू ने बनाया राजद उपाध्यक्ष
अपनी पार्टी के लिए नया नारा गढ़ा -खजाना चोर, गद्दी छोड़- और कहा कि सीएम-डिप्टी सीएम को जेल भेजने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। 27 अगस्त की रैली के बाद वह इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जदयू अधिवेशन में सीएम के भाषण पर भी लालू ने तंज कसा और कहा कि जो गलत होता है, वही गाल बजाता है। नीतीश बोल रहे थे कि घोटाले को उन्होंने ही उजागर किया, किंतु सवाल है कि घोटाला कर कौन रहा था।
को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार को भी कहा गया था, किंतु रिजर्व बैंक के संदेह को दरकिनार कर दिया। भागलपुर के तत्कालीन डीएम ने भी सृजन की जांच का आदेश दिया था, लेकिन उसका तबादला कर दिया गया। नीतीश बताएं कि ऐसा क्यों किया गया?
बिहार सरकार की बर्खास्त अधिकारी जयश्री ठाकुर का मामला उठाते हुए लालू ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा ने उसे सृजन घोटाले में लिप्त पाया था। करोड़ों रुपये जब्त किए थे, किंतु पूरे घोटाले का अनुसंधान फिर भी नहीं किया गया। तत्कालीन प्रधान सचिव ने कहा था कि जयश्री को बर्खास्त करने का अधिकार सीएम के पास है। फिर भी उसकी पोस्टिंग भागलपुर और बांका में ही होती रही। गृह और सामान्य प्रशासन विभाग भी सीएम के पास ही था।यह भी पढ़ें: शिवानंद तिवारी का वनवास हुआ खत्म, लालू ने बनाया राजद उपाध्यक्ष
अपनी पार्टी के लिए नया नारा गढ़ा -खजाना चोर, गद्दी छोड़- और कहा कि सीएम-डिप्टी सीएम को जेल भेजने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। 27 अगस्त की रैली के बाद वह इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जदयू अधिवेशन में सीएम के भाषण पर भी लालू ने तंज कसा और कहा कि जो गलत होता है, वही गाल बजाता है। नीतीश बोल रहे थे कि घोटाले को उन्होंने ही उजागर किया, किंतु सवाल है कि घोटाला कर कौन रहा था।
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