निखिल और सुरभि ने आपसी लड़ाई को दिया प्रेम का नाम
पटना । ऑटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी द्वारा पूर्व कांग्रेसी मंत्री की नाबालिग बेटी से
By JagranEdited By: Updated: Fri, 26 May 2017 03:04 AM (IST)
पटना । ऑटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी द्वारा पूर्व कांग्रेसी मंत्री की नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने का मामला सेक्स रैकेट तक पहुंचा, कई बड़े नाम बदनाम हुए। कई बड़ी हस्तियां शहर छोड़ फरार हैं। तीन महीने से चर्चाएं होती रहीं। डेली सोप सीरियल की तरह चल रहा यह मामला गुरुवार को 'द इंड' हो गया। दोनों के बीच के फासले और गिले-शिकवे मिट गए। अब साथ जिंदगी जीने की ठानी है। दोनों ने इसकी पहल मुकदमे में समझौता करने से की है।
निखिल और सुरभि ने एससी-एसटी और बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज कांड को समाप्त करने के लिए संयुक्त समझौता पत्र दायर किया, जिसमें उन्होंने शादी करने की बात लिखी है। हालांकि, कोर्ट ने उनके फैसले को मंजूरी नहीं दी है। शुक्रवार को उनके आवेदन पर सुनवाई होगी। सरकार ने डाली खलल- गुरुवार को निखिल और सुरभि के समझौता आवेदन पर एससी-एसटी कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई थी। इस दौरान विशेष लोक अभियोजक श्याम नंदन कुमार सिंह संतोष ने राज्य सरकार की ओर से समझौते का विरोध किया। उन्होंने विशेष न्यायाधीश अखिलानंद दुबे की अदालत में दलील दी कि प्राथमिकी में वर्णित धाराएं समझौता योग्य नहीं हैं। पीड़िता को पिता का सहयोग नहीं मिल रहा। दबाव में आकर उसने मसला खत्म करने का निर्णय लिया है।
एक नेता के हस्तक्षेप पर समझौता : अब तक सुरभि जयदेवा का नाम गुप्त रखा जा रहा था, लेकिन उसने खुद को कोर्ट में बालिग बता सभी बंधन तोड़ दिए। दरअसल, सुरभि पूर्व कांग्रेस मंत्री संजीव प्रसाद टोनी की छोटी बेटी है। सूत्रों की मानें तो पिछले महीने के अंतिम सप्ताह में एक नेता के हस्तक्षेप के बाद दोनों के बीच समझौता हुआ। निखिल के बुलावे सुरभि जेल में उससे मिलने गई थी। इस दौरान उसने अपनी गलती स्वीकार ली और उम्रभर साथ निभाने के वादे किए। जिसके बाद सुरभि का दिल पिघल गया और उसने भी प्यार को कबूल कर लिया। ------------------------फ्लैश-बैक-
---------- 22 दिसंबर को दर्ज हुई पहली प्राथमिकी : पिछले साल 22 दिसंबर को सुरभि जयदेवा ने खुद को नाबालिग बताकर निखिल प्रियदर्शी के खिलाफ जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल कर गाली-गलौज करने व छेड़छाड़ करने का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि विरोध करने पर निखिल ने पिटाई की। इस अपराध में उसके पिता रिटायर्ड आइएएस अधिकारी केबीपी सिन्हा, भाई मनीष प्रियदर्शी और दोस्त संजीत कुमार शर्मा ने साथ दिया। पॉक्सो एक्ट की धारा भी लगाई गई। 25 दिसंबर को यौन शोषण का लगाया था आरोप- प्रारंभिक पूछताछ के दौरान 25 दिसंबर को सुरभि ने निखिल पर शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। कहा था कि निखिल ने दुष्कर्म किया और वीडियो बनाया। वीडियो दिखा ब्लैकमेल कर यौन शोषण करता रहा। 29 दिसंबर को भाग गया था निखिल : यौन शोषण का आरोप लगते ही एक बड़े पुलिस अधिकारी की मदद से निखिल प्रियदर्शी शहर से फरार हो गया। इसके बाद सुरभि ने राष्ट्रीय महिला आयोग और अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग में गुहार लगाई थी। दोनों आयोग ने संज्ञान लिया और पुलिस को कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए थे। 20 फरवरी को ब्रजेश पांडेय का नाम हुआ शामिल : एससी-एसटी थाने की पुलिस ने 20 फरवरी को विशेष अदालत में केस डायरी दी थी, जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय का नाम उजागर हुआ था। सुरभि ने कहा था कि निखिल, ब्रजेश पांडेय के साथ मिलकर सेक्स रैकेट का संचालन करता है। निखिल ने उसे भी ब्रजेश के सामने परोसने की कोशिश की थी। ब्रजेश ने उससे दुष्कर्म का प्रयास किया था। 22 फरवरी को पीड़िता ने सारी बातें मीडिया के सामने कही थी। 17 मार्च को दर्ज कराई दूसरी प्राथमिकी : अपनी दलील देते हुए ब्रजेश पांडेय ने मीडिया को एक ऑडियो दिया था, जिसमें उसने सुरभि का नाम लिया था। इस दौरान निखिल के घरवालों ने भी अपना पक्ष रखा था। जिस पर सुरभि ने बुद्धा कॉलोनी थाने में निखिल, मनीष, केबीपी सिन्हा और ब्रजेश पांडेय पर एससी-एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पीड़िता का नाम सार्वजनिक करने और धमकी देने का आरोप लगाया गया था। एयरपोर्ट से हुई मनीष की गिरफ्तारी : दूसरी प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पटना पुलिस भी आरोपियों की तलाश में जुट गई। इधर, सीआइटी के कमजोर वर्ग की टीम भी उनके पीछे पड़ी थी। गुप्त सूचना के आधार पर निखिल के भाई मनीष प्रियदर्शी को जयप्रकाश नगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीआइडी की टीम ने गिरफ्तार किया था। ऋषिकेश से पकड़े गए थे बाप-बेटे: 14 मार्च को निखिल को उतराखंड के ऋषिकेश से उसके पिता केबीपी सिन्हा के साथ गिरफ्तार किया गया था। साथ ही उसकी ऑडी कार भी जब्त की गई थी।
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