एक सप्ताह में गया-मुगलसराय रेलखंड पर दो ट्रेन डकैती
जागरण संवाददाता, सासाराम
एक सप्ताह के अंदर गया-मुगलसराय रेल खंड पर लगातार दो ट्रेन डकैती की घटना ने यात्री सुरक्षा के सवाल पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। 8 सितंबर को आसनसोल-बनारस पैसेंजर ट्रेन में हुयी डकैती का पूर्ण रूप से उद्भेदन करने में जुटी रेल पुलिस के समक्ष शुक्रवार की देर रात गया से मुगलसराय के बीच नन स्टाप के रूप में चलने वाली 12323 अप हावड़ा-नई दिल्ली ट्रेन में भीषण लूटपाट कर अपराधियों ने रेल पुलिस तंत्र को मुश्किल में डाल दिया है। रेल पुलिस के वरीय अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे हैं। शनिवार को रेल एसपी पटना से लेकर मुगलसराय रेल मंडल के आरपीएफ कमांटेड जैसे बड़े अधिकारी सासाराम रेल थाना में जमे रहे। अधीनस्थ रेल पुलिस अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम का जायजा लेने के बाद गुप्त मंत्रणा भी किया। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि हावड़ा नई दिल्ली ट्रेन में एस्कार्ट नहीं था। परिणाम स्वरूप रेल डकैती लगभग डेढ़ घंटे तक ट्रेन के चार स्लीपर कोच में जमकर लूटपाट करते रहे। लूटपाट के बाद डेंजर जोन के रूप में चिन्हित खुर्माबाद से लेकर पुसौली स्टेशन के बीच जंजीर खींच आसानी से ट्रेन से उतर कर भाग निकले। वर्ष 2005 के 25 जून को मुबंई मेल में ट्रेन डकैती के बाद अपराधी पुसौली स्टेशन के पास उतरे थे। इसके अलावे वर्ष 2012 के मई महीने में आरा-सासाराम रेल खंड के शिवपुर स्टेशन व वर्ष 2009 में संझौली स्टेशन के पास लूटपाट के क्रम में एक यात्री की डकैती के क्रम में हत्या कर दी गयी थी। रेल यात्री सुरक्षा में लगे एस्कार्ट पार्टी को ट्रेन में हो रही लूटपाट की घटना की घंटों बाद भी भनक नहीं लगने की बात ने सारी पोल खोल कर रख दी है।
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