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बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी से मची सनसनी

सिवान । जिले में ताबड़तोड़ हो रही डकैतियों का सरगना बांग्लादेशी घुसपैठिया था यह पहली नजर में ह

By Edited By: Updated: Thu, 14 Jan 2016 03:03 AM (IST)
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सिवान । जिले में ताबड़तोड़ हो रही डकैतियों का सरगना बांग्लादेशी घुसपैठिया था यह पहली नजर में हजम होने वाली बात नहीं। लेकिन पूरी टीम की गिरफ्तारी ने इस अविश्वसनीय लगने वाली बात को सच साबित कर दिया। इससे जहां शहर वासी हैरान हैं वहीं पुलिस भी अंदर-अंदर बेचैनी में है। बिना आहट के चुपके से घुसपैठियों की यहां पैठ ने जिले की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल पैदा किए हैं। क्या वाकई सिवान उतना सुरक्षित है जितना नजर आता है। एक दर्जन अपराधियों की गिरफ्तारी और इनमें से कोई बिहार का नहीं..? यह पुलिस के लिए भी चौंकाने वाली बात है। जाहिर है पुलिस अब इनका हर जगह का नेटवर्क तोड़ना चाहेगी क्योंकि उसके पास अब पूरी जानकारी हो गई है। इनको यहां पनाह देने वालों के साथ लोकल लाइनरों को भी शीघ्र दबोचे जाने की उम्मीद है क्योंकि इन अपराधियों को स्थानीय स्तर पर सूचना देने का काम कौन करता था इसकी जानकारी पुलिस को मिल चुकी है।

वहीं जहां से इनकी गिरफ्तारी हुई उस मखदुम सराय मुहल्ले में तो हड़कंप व्याप्त है और मुहल्ले के लोग भयभीत है।

सोमवार की रात में पुलिस की कार्रवाई के साथ ही मुहल्ले में चर्चा तेज हो गई थी। मंगलवार को मीडिया को जानकारी स्थानीय लोगों के जरिए ही मिली। लेकिन पुलिस ने पहले दिन विभिन्न कारणों से गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की। इनके बंगाल का होने या फिर रिफ्यूजी होने की चर्चा दबी जुबान थी लेकिन बुधवार को जैसे ही एएसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि सरगना शाहनूर सहित बाकी अन्य बांग्लादेश के हैं तो मीडिया के लोग भी सन्न रह गए। आमलोगों ने तो कभी कल्पना भी नहीं की थी कि बांग्लादेश से भी लोग यहां आकर इस तरह का जघन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम दे देंगे। यहीं नहीं इनका नेटवर्क यूपी के कानपुर में भी फैला होगा इसका भी विश्वास अंदेशा नहीं था। गौरतलब हो कि गिरफ्तारों में पांच बांग्लादेशी है और सात यूपी के कानपुर देहात और कन्नौज के निवासी हैं। इनकी घनिष्ठता भी कई और कहानी कह रही है। उनके एक साथ रहने पर किसी को शक नहीं हुआ।

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राष्ट्रीयता छिपाने के लिए कानपुर

के अपराधियों का लिया सहारा

जिले के एसआइटी व पुलिस के हत्थे चढ़े बांग्लादेशी अपराधियों की संख्या महज पांच थी। परंतु कानपुर देहात क्षेत्र के अपराधियों की संख्या सात। एसआइटी टीम के पूछताछ में खुलासा हुआ कि स्थानीय लोगों की नजरों से बचने के लिए बांग्लादेशी अपराधियों ने कानपुर के सात अपराधियों को ढाल बना रखा था। वे आराम से मखदुम सराय मुहल्ले में रहते थे। यहीं नहीं कानपुर के अपराधियों के साथ ही वे निकलते थे ताकि किसी को शक न हो सके। यहां तक किसी के शक होने पर कानपुर निवासी अपराधी से पहचान बताने की बात कहते थे ताकि बोलचाल के दौरान किसी को शक न हो। हालांकि स्थानीय भाषा भी बोलना वे लोग सीख चुके थे।

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इसराफिल की गिरफ्तारी को बिछाया जाल

मखदुम सराय में छापेमारी के दौरान भनक लगते ही गिरोह का एक सक्रिय सदस्य इस्त्राफिल पुलिस को चकमा दे भागने में सफल रहा। हालांकि एसआइटी व पुलिस ने उसकी पत्‍‌नी रीना खातुन को डकैती के गहने सहित गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी ने उससे कड़ी पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में रीना खातुन से इश्राफिल के छिपने के संभावित ठिकानों के बारे में जानकारी लेकर जाल बिछाना शुरू कर दिया है। पुलिस की मानें शीघ्र उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही उसके पनाह देने वालों पर भी शिंकजा कसा जाएगा।

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