Bettiah Raj: अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकेगा बेतिया राज, 22000 एकड़ जमीन को लेकर KK Pathak ने बताया प्लान
बिहार और उत्तर प्रदेश में फैले बेतिया राज की 22 हजार एकड़ खाली पड़ी भूमि अब बेकार नहीं रहेगी। इस जमीन पर मेडिकल शिक्षा और भारत सरकार की बड़ी परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बेतिया राज को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने और यहां की अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। केके पाठक ने इससे संबंधित जानकारी साझा की है।

जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में बेतिया राज की खाली पड़ी करीब 22 हजार एकड़ भूमि का व्यावसायिक उपयोग होगा। मेडिकल, शिक्षा समेत भारत सरकार एवं बिहार सरकार की अन्य बड़ी परियोजनाओं के लिए इस भूमि का उपयोग किया जाएगा, ताकि बेतिया राज की अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान बने एवं यहां की आर्थिकी बदले।
मंगलवार को बेतिया राज का निरीक्षण करने के बाद बिहार सरकार के राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक (KK Pathak) ने कहा कि बेतिया राज की बिहार के छह जिले एवं उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में करीब 22 हजार एकड़ भूमि है। 100 एवं 50 एकड़ के बड़े प्लॉट भी हैं।
केके पाठक ने कहा कि भारत सरकार की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर (एनआईयूए) और पर्यटन विभाग की टीम के साथ इनका जायजा लिया जा रहा है, ताकि इन जमीनों का उपयोग किया जा सके। इससे बेतिया समेत बिहार का विकास हो। शिक्षा, चिकित्सा, व्यावसायिक समेत बिहार एवं भारत सरकार की बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को यहां स्थापित कराने की योजना पर काम हो रहा है।
पटना और दिल्ली में होगी अहम बैठक
सरकार की कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जो भूमि के आभाव में लंबित पड़ी हैं, उन्हें बेतिया राज की खाली पड़ी जमीन पर स्थापित कराया जाएगा। इसके लिए पटना एवं दिल्ली में सभी विभागों के सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसमें भूमि के आभाव में लंबित परियोजनाओं को बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज समेत अन्य जिलों में बेतिया राज की खाली पड़ी भूमि पर लगाने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
इसी प्रकार दिल्ली में एक सेमिनार आयोजित कर देश और विदेश के उद्यमियों को बेतिया में आने के लिए निमंत्रित किया जाएगा। इससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बेतिया का विकास होगा और यहां की आर्थिकी बदलेगी।
बेतिया राज के भवनों का होगा जीर्णोद्धार
करीब दो घंटे तक राजस्व पर्षद के अध्यक्ष ने बेतिया राज भवन का निरीक्षण किया। रानी निवास, राज कहचरी, शीश महल, फांसी घर, राज कैंपस का कुंआ, जवाहरातखाना, राज परिसर का मंदिर, रानी आरामगाह आदि का निरीक्षण किया।
बेतिया राज के भवनों पर बनी कलाकृति से प्रभावित होकर उन्होंने एनआईयूए की टीम को इन भवनों का मूल रुप में सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश दिया। बेतिया राज को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग की टीम को भी निर्देश दिया।
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