छोटे व्यापारियों को तेज और आसानी से लोन देने के लिए, यूपीआइ जैसा प्लेटफॉर्म बनाएं बैंक: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव
अश्विनी वैष्णव ने छोटे उद्यमियों और व्यापारियों को तुरंत और आसानी से लोन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बैंकों से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को यूपीआई जैसा एडवांस बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने इससे जुड़ा फ्रेमवर्क बनाने के लिए बैंकों को तीन महीने का समय दिया है।
By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Mon, 06 Dec 2021 08:33 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने छोटे उद्यमियों और व्यापारियों को तुरंत और आसानी से लोन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए, बैंकों से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को यूपीआई जैसा एडवांस बनाने का आग्रह किया है। डिजिटल भुगतान उत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ने कहा कि, "छोटे व्यापारियों को त्वरित लोन सुविधा प्लेटफार्म को बनाने के लिए, आधार, मोबाइल फोन, यूपीआइ और डिजिलॉकर जैसे इकोसिस्टम पहले से ही मौजूद हैं।" इसके अलावा अश्विनी वैष्णव से इससे जुड़ा फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए बैंकिंग इंडस्ट्री को तीन महीने का समय दिया है।
डिजिटल भुगतान उत्सव के कार्यक्रम पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि, "क्या हम एमएसएमई, छोटे उद्योगों और छोटे व्यापारियों को तेजी से लोन उपलब्ध कराने के लिए यूपीआइ जैसा कोई दूसरा प्लेटफार्म बना सकते हैं। मैं बैंकिंग इंडस्ट्री से यह आग्रह करना चाहूंगा कि, वह इसे स्वीकार करे और अगले तीन महीने तक इसका फ्रेमवर्क तैयार करे। फ्रेमवर्क तैयार करने के बाद मैं बैंकिंग इंडस्ट्री के साथ इस प्लेटफॉर्म को बनाने पर दिन भर की चर्चा करूंगा।"
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बारे में बयान देते हुए यह कहा कि, "इस तरह का प्लेटफॉर्म देश के भविष्य को आकार देने के में एक बड़ी और अहम भूमिका निभाएगा। इस तरह के प्लेटफार्म के विकसित होने से छोटे स्तर के व्यापारियों और एमएसएमई सेक्टर को तेजी से और आसानी से लोन मिल सकेगा।"
क्या होता है यूपीआइयूपीआइ का पूरा नाम यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस है। अगर आप स्मार्टफोन यूजर हैं तो ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त यूपीआइ का प्रयोग करते होगें। यूपीआइ एक ऐसी अवधारणा है, जो कई बैंक अकाउंट को एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये पैसा ट्रांसफर करने की इजाजत देती है। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है और इसका नियंत्रण रिजर्व बैंक और इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा किया जाता है।