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कोल इंडिया बनाएगी फ्रेट कॉरीडोर, इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगी मजबूती

कोल इंडिया को तीन संवेदनशील रेल परियोजनाओं से 28.2 करोड़ टन कोयला ढुलाई को गति मिलेगी

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 04 Sep 2017 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 04 Sep 2017 10:17 AM (IST)
कोल इंडिया बनाएगी फ्रेट कॉरीडोर, इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगी मजबूती

नई दिल्ली (आशीष अंबष्ठ)। इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्र सरकार के फोकस को देखते हुए दिग्गज कोयला कंपनी कोल इंडिया इसे नई गति देने में जुट गई है। कंपनी के निदेशक बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में वर्ष 2020 तक विकास का पूरा खाका तैयार किया है। इस रिपोर्ट में एक अरब टन से अधिक कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य पूरा करने की दिशा में कोल इंडिया बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े कदम रखने की तैयारी कर रही है। इसके तहत तीन राज्यों- छत्तीसगढ़, ओडिशा व झारखंड में कोल इंडिया फ्रेड कॉरीडोर की दिशा में काम कर रही है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत मिली करीब 25,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इस रिपोर्ट में कई खदानों में काम का मशीनीकरण करने और कुछ को बंद करने का भी प्रस्ताव है।

तीन रेल परियोजनाओं पर चल रहा

काम कोल इंडिया तीन संवेदनशील रेल परियोजनाओं पर काम कर रही है। इन परियोजनाओं से 28.2 करोड़ टन कोयला ढुलाई को गति मिलेगी। नार्थ कर्णपुरा परियोजना का कोयला डिस्पैच टोरी शिवपुर, कटौतिया रेल लाइन से 3.2 करोड़ टन, महानदी कोलफील्ड्स के झासुगोड़ा-बरपाली-सरदेगा रेल लिंक से सात करोड़ टन, एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड) की मंडर-रायगढ़-कोरबा व जेबरा माइंस से ईस्ट रेल कॉरीडोर व ईस्ट वेस्ट कॉरीडोर के जरिये 18 करोड़ टन कोयला डिस्पैच किया जाएगा। योजनाओं को 2018-19 तक पूरा करने का समय तय रखा गया है।

उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित
वर्ष 2017-18 में कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य 60 करोड़ टन तय किया गया है। यह बीते वर्ष से 8.3 फीसद अधिक है। इसी तरह 2018-19 के लिए 77.3 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जबकि वर्ष 2020 तक कोयला उत्पादन को एक अरब टन तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

25,400 करोड़ रुपये होंगे खर्च
बारहवीं पंचवर्षीय योजना में कोल इंडिया ने आधारभूत संरचना विकास में करीब 25,400 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य तय किया था। यह पंचवर्षीय योजना भले ही चालू साल तक है, मगर इस राशि को वर्ष 2020 तक खर्च किया जाना है। इसमें जमीन अधिग्रहण पर 3,289.17 करोड़ रुपये, प्लांट एंड मशीन, एचईएम (हैवी अर्थ मूवर मशीन) पर 8,458 करोड़ रुपये और वॉशरी निर्माण पर 9,857 करोड़ रुपये की रकम खर्च की जानी है।


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