बजट में स्टार्ट-अप्स को टैक्स प्रोत्साहन संभव, डीपीआइआइटी ने वित्त मंत्रालय को दिए सुझाव
स्टार्ट-अप्स को प्रतिभावान लोगों की जरूरत होती है और कंपनी में शेयरधारिता देकर ऐसे लोगों को आसानी से आकर्षित किया जा सकता है। (Pic pexels.com)
नई दिल्ली, पीटीआइ। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार आगामी बजट में स्टार्ट-अप कंपनियों को टैक्स प्रोत्साहन दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक, उद्योग एवं आंतरिक कारोबार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) ने आगामी बजट के लिए स्टार्ट-अप्स से संबंधित कई सुझाव दिए हैं। इनमें अटल इनोवेशन मिशन के तहत आने वाले इंक्यूबेटर्स को टैक्स प्रोत्साहन, ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआइएफ) मैनेजमेंट के लिए जीएसटी में कटौती और इंप्लॉई स्टॉक ओनरशिप प्रोग्राम (ईएसओपी) पर टैक्स लाभ जैसे सुझाव शामिल हैं।
जानकारों के मुताबिक, स्टार्ट-अप्स को प्रतिभावान लोगों की जरूरत होती है और कंपनी में शेयरधारिता देकर ऐसे लोगों को आसानी से आकर्षित किया जा सकता है। स्टार्ट-अप्स द्वारा कर्मचारियों को अधिक वेतन देने से उनका बोझ क्षमता से अधिक बढ़ जाता है, जिससे उनकी सफलता की संभावनाएं कमजोर होती है।
चायोस के संस्थापक नितिन सलूजा ने कहा कि ईएसओपी के मामले में टैक्स छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप्स के लिए ईएसओपी एक बेहतर विकल्प है। ईएसओपी, कंपनी द्वारा स्वेच्छा से अपनाई जाने वाली योजना है। इसके तहत कंपनी अपने कर्मचारियों को अधिक वेतन की जगह कंपनी में हिस्सेदारी देती है।
देश में स्थित एआइएफ फंड मैनेजर पर 18 परसेंट जीएसटी देय होता है, इसे घटाने की मांग की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी दरों में कटौती से देश को इन्वेस्टमेंट हब बनाने में मदद मिलेगी। स्टार्ट-अप इंडिया के जरिये सरकार देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।
स्टार्ट-अप इंडिया एक्शन प्लान के तहत 19 कंपोनेंट को शामिल किया गया है। इनमें फंड में सहायता और प्रोत्साहन देना, उद्योग और अकादमी की भागीदारी सुनिश्चित करने जैसे कंपोनेंट शामिल हैं। अभी तक सरकार ने 26,619 स्टार्ट-अप्स की पहचान की है। इनमें से अधिकतर आइटी सेवाओं के क्षेत्र में हैं। इसके अलावा हेल्थकेयर, लाइफ साइंसेज और शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी संख्या में स्टार्ट-अप्स सक्रिय हैं।