Oil Import Bill: भारत के कच्चे तेल के आयात बिल में 16 प्रतिशत की गिरावट, घरेलू उत्पादन में कमी से आयात पर बढ़ी निर्भरता
भारत ने एलपीजी जैसे 4.81 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 23.4 अरब डालर खर्च किए। भारत ने 47.4 अरब डालर कीमत के 6.22 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी किया। भारत तरल रूप में गैस का भी आयात करता है जिसे एलएनजी कहा जाता है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 30.91 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस के आयात के लिए 13.3 अरब डालर खर्च किए।
पीटीआई, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय दरों में नरमी के चलते पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत के कच्चे तेल के आयात बिल में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। भारत ने पिछले वित्त वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के दौरान 23.25 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया। यह मात्रा वित्त वर्ष 2022-23 के लगभग बराबर है। हालांकि तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के मुताबिक उसने इस मात्रा के लिए 132.4 अरब डालर का भुगतान किया जबकि 2022-23 में 157.5 अरब डालर का भुगतान किया था।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है। घरेलू उत्पादन में गिरावट के चलते उसकी आयात पर निर्भरता बढ़ गई है। पीपीएसी के मुताबिक कच्चे तेल की आयात निर्भरता 87.7 प्रतिशत हो गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 87.4 प्रतिशत थी। 2023-24 में घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन 2.94 करोड़ टन पर रहा। यह 2022-23 के आंकड़े के बराबर है।
कच्चे तेल के अलावा भारत ने एलपीजी जैसे 4.81 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 23.4 अरब डालर खर्च किए। भारत ने 47.4 अरब डालर कीमत के 6.22 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी किया। भारत तरल रूप में गैस का भी आयात करता है, जिसे एलएनजी कहा जाता है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 30.91 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस के आयात के लिए 13.3 अरब डालर खर्च किए। 2022-23 में 26.3 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस के आयात के लिए भारत ने 17.1 अरब डालर खर्च किए थे।
यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते ऊर्जा की कीमतें उस समय रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई थीं। शुद्ध तेल और गैस आयात बिल (कच्चा तेल+पेट्रोलियम उत्पाद+एलएनजी आयात बिल-निर्यात) 2023-24 में 144.2 अरब डालर से कम होकर 121.6 अरब डालर रहा।