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भारत में निवेश के बेहतर मौके, अमेरिकी कंपनियों के लिए बड़ा साझीदार : USIBC

भारत- अमेरिका व्यावसायिक परिषद (USIBC) की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध लगातार ‘‘मजबूत और जोशपूर्ण’’ बने हुए हैं। उन्‍होंने कहा-मुझे PLI (उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन) योजनाओं और उन पीएलआई योजनाओं के विस्तार के लिए भारत सरकार की सराहना करने की जरूरत है।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Sat, 20 Nov 2021 09:29 AM (IST)
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भारतीय कंपनियों द्वारा लाई गई प्रमुख चिंताओं में से एक श्रम और आप्रवासन नीतियां हैं।
नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारत- अमेरिका व्यावसायिक परिषद (USIBC) की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध लगातार ‘‘मजबूत और जोशपूर्ण’’ बने हुए हैं। उन्‍होंने कहा-मुझे PLI (उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन) योजनाओं और उन पीएलआई योजनाओं के विस्तार के लिए भारत सरकार की सराहना करने की जरूरत है जो मुझे लगता है कि भारत में अधिक आपूर्ति श्रृंखला और अधिक विनिर्माण को आकर्षित करने की सरकार की इच्छा का समर्थन करेगा।

उन्‍होंने कहा भारतीय कंपनियों द्वारा लाई गई प्रमुख चिंताओं में से एक श्रम और आप्रवासन नीतियां हैं, जो भारतीय कंपनियों को H1B1 वीजा आदि के माध्यम से भारत से स्रोत प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं.... इसलिए यह एक महत्वपूर्ण बातचीत है। अमेरिका में आने वाले भारतीय निवेश और भारतीय विनिर्माण की मात्रा के कारण भारत अमेरिका में FDI का एक बहुत अधिक छोटा स्रोत बन गया है।

अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है... अधिक कंपनियां 'मेक इन इंडिया' करना चाहती हैं, लेकिन फिर स्थानीय सामग्री की आवश्यकताएं कभी-कभी चुनौतीपूर्ण होती हैं क्योंकि आपूर्ति श्रृंखलाएं वैश्विक हैं और माइग्रेट करने में समय लेती हैं।