2017 की चौथी तिमाही में 5.5 से 6 फीसद रह सकती है खुदरा मुद्रास्फीति: नोमुरा
नोमूरा का कहना है कि 2017 की चौथी तिमाही के दौरान 6 फीसद रह सकती है
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के खत्म होते प्रभाव के चलते उपभोक्ता मुद्रास्फीति 2017 की चौथी तिमाही में 5.5-6 फीसद रह सकती है, जबकि बढ़ते निर्यात से आर्थिक सुधार की संभावना है। यह जानकारी नोमुरा की एक रिपोर्ट में कही गई है।
जापानी ब्रोकरेज फर्म ने बताया, “इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस में हुआ इजाफा और जीएसटी का क्रियान्वयन भी मुद्रास्फीति को बढ़ा सकता है।” नोमुरा ने अपनी रिसर्च नोट में कहा, “जैसे-जैसे साल आगे बढ़ेगा हम उम्मीद करते हैं कि साल 2017 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति 5.5 से 6 फीसद तक बढ़ेगी और साल 2018 की पहली छमाही में भी इसका सिलसिला जारी रहेगा। इसके कारकों में लुप्त हो रहे क्षणिक कारक (नोटबंदी और दालों की अपस्फीति), बढ़ते चक्रीय चालक (उत्पादन में कमी, उच्च ग्रामीण मजदूरी में इजाफा) और प्रतिकूल आधार प्रभाव (बेस इफेक्ट) शामिल हैं।”
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई मार्च महीने में पांच महीने की ऊंचाई के साथ 3.81 फीसद पर पहुंच गई थी जबकि थोक स्तर पर मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 5.7 फीसदी रह गई थी। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति को पहली छमाही में 4.5 फीसद और दूसरी छमाही में 5 फीसद रहने का अनुमान लगाया है।