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    अमेरिका नहीं पहुंचने पर लाखों भारतीयों की चली जाएगी नौकरी? भारत में हैं तो क्या आज ही निकलना पड़ेगा US?

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 03:17 PM (IST)

    ट्रंप ने H-1B वीजा को लेकर नए आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके अनुसार वीजा लेने पर 1 लाख डॉलर की एनुअल फीस लगेगी। अमेजन मेटा और माइक्रोसॉफ्ट ने कर्मचारियों को 24 घंटे में अमेरिका पहुंचने को कहा है। H-1B और H-4 वीजा धारकों को 21 सितंबर तक अमेरिका पहुंचना होगा वरना एंट्री के लिए 1 लाख डॉलर देने होंगे। कंपनियों ने कर्मचारियों को जल्द लौटने का आग्रह किया है।

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    अमेरिका नहीं पहुंचने पर लाखों भारतीयों की चली जाएगी नौकरी? भारत में हैं तो क्या आज ही निकलना पड़ेगा US?

    नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा को लेकर नए आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। नए नियमों के अनुसार अब एच-1बी वीजा लेने के लिए 1 लाख डॉलर की एनुअल फीस चुकानी होगी। इस आदेश के बाद अमेजन, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को एक ईमेल भेजकर 24 घंटे के भीतर अमेरिका पहुंचने को कहा है।  

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    अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जो भारतीय अमेरिका में नौकरी करते हैं और भारत आए हुए हैं, अगर वह समय से नहीं पहुंचे तो क्या उनकी नौकरी चली जाएगी? दूसरा सवाल यह है कि क्या भारतीयों को आज ही अमेरिका के लिए निकलना पड़ेगा? आइए दोनों सवालों का जवाब जानते हैं।

    अमेरिका नहीं पहुंचने पर जाएगी भारतीयों की नौकरी?

    अमेरिका ने H-1B Visa नियम में बदलाव किया है। इस नियम के अनुसार एच-1बी और एच-4 वीजा धारक विदेशी कर्मचारियों को 21 सितंबर (रविवार) रात 12:01 बजे से पहले अमेरिका पहुंचना होगा। इसके बाद पहुंचने पर एंट्री नहीं दी जाएगी।

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    एंट्री के लिए 1 लाख डॉलर पे करना होगा। भारतीयों की नौकरी उनके कंपनी के ऊपर है। भारत आए कर्मचारी अगर अमेरिका नहीं पहुंच पाते तो यह फैसला उनकी कंपनी लेगी कि वह उनके लिए 1 लाख डॉलर पे करेगी या नहीं। हालांकि, बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का भी विकल्प दे सकती हैं।

    क्या आज ही भारतीयों को अमेरिका के लिए निकलना पड़ेगा?

    जी हां। आज 20 सितंबर है। आज भारत से निकलने पर ही कल तक अमेरिका पहुंचा जा सकता है। क्योंकि भारत से अमेरिका पहुंचे में 14 से 20 घंटे का समय लगता है। कंपनियों ने भारत समेत अन्य देशों के कर्मचारियों को जो अमेरिकी ऑफिस में कार्यरत हैं, उनसे 24 घंटे के अंदर अमेरिका पहुंचने का आग्रह किया है। यानी आज ही भारतीय कर्मचारियों को अमेरिका के लिए निकलना होगा, जो अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा के अमेरिकी ऑफिस में कार्यरत हैं।

    Amazon, Meta और Microsoft ने अपने कर्मचारियों को भेजा ईमेल

    अमेजन ने एच-1बी और एच-4 वीज़ा धारक कर्मचारियों को अमेरिका में ही रहने की सलाह दी है। रॉयटर्स द्वारा देखे गए एक नोट में, कंपनी ने कहा, "अगर आपके पास एच-1बी स्टेटस है और आप अमेरिका में हैं, तो अभी के लिए देश में ही रहें।"

    रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एच-1बी और एच-4 वीजा धारक कर्मचारियों से कल, 21 सितंबर तक, समय सीमा से पहले, अमेरिका लौटने का आग्रह किया है।

    रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ईमेल में, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एच-1बी और एच-4 वीज़ा धारक कर्मचारियों को अमेरिका वापस आने की "दृढ़तापूर्वक" सिफ़ारिश की है। कंपनी ने अपने एच-4 वीजा धारकों को भी अमेरिका में ही रहने की सिफ़ारिश की है। कंपनी ने कहा है कि एच-1बी वीज़ा धारकों को "निकट भविष्य तक" अमेरिका में ही रहना चाहिए।

    मार्क जकरबर्ग की मेटा ने भी ऐसी ही एक सलाह जारी की है। कंपनी ने कर्मचारियों से कहा है कि वे कम से कम 14 दिन अमेरिका में ही रहें, जब तक कि ट्रंप द्वारा जारी आदेश का 'व्यावहारिक अनुप्रयोग' समझ में न आ जाए। अमेरिका से बाहर रहने वाले कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर लौटने की सलाह दी गई है।

    लेट हुआ तो ट्रंप कंपनियों से हर कर्मचारी के लिए वसूलेंगे 1 लाख डॉलर

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार एच-1बी वीजा पर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने संबंधी एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। इस व्यापक बदलाव से भारतीय कर्मचारियों पर असर पड़ने की आशंका है, जो H-1B  Visa धारकों में बहुसंख्यक हैं। इस घोषणापत्र के अनुसार, मौजूदा वीजा धारकों सहित एच-1बी कर्मचारियों को 21 सितंबर (रविवार) रात 12:01 बजे पूर्वी समय से अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि उनके नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क नहीं चुकाया जाता। यानी अगर कर्मचारी समय से अमेरिका नहीं पहुंचते तो उनकी कंपनियों को प्रति कर्मचारी एक लाख डॉलर देने होगा।

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