'तुझमें रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं..'
एक चर्चित फिल्म का गाना था जिसके बोल थे 'तुझमें रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं'..गाने में हीरो अपनी हीरोइन को ये बताने की कोशिश कर रहा होता है कि उसमें यानी अपनी प्रेमिका में वो भगवान को देखता है और चाह कर भी वो इस सोच को रोक नहीं पा रहा...ऐसा ही कुछ इन दिनों क्रिकेट के मैदान पर होता दिख रहा है अ
By Edited By: Updated: Fri, 20 Dec 2013 12:08 PM (IST)
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। एक चर्चित फिल्म का गाना था जिसके बोल थे 'तुझमें रब दिखता है, यारा मैं क्या करूं'..गाने में हीरो अपनी हीरोइन को ये बताने की कोशिश कर रहा होता है कि उसमें यानी अपनी प्रेमिका में वो भगवान को देखता है और चाह कर भी वो इस सोच को रोक नहीं पा रहा...ऐसा ही कुछ इन दिनों क्रिकेट के मैदान पर होता दिख रहा है और अब इस बात पर एलेन डोनाल्ड जैसे क्रिकेट के कुछ दिग्गजों ने भी मुहर लगा दी है..
हम बात कर रहे हैं विराट कोहली की, जब वो वनडे खेलने उतरे तो ताबड़तोड़ रिकॉर्ड अपने नाम करते चले गए, एक पल को लगा कि 'क्रिकेट का रब' (सचिन तेंदुलकर) लौट आया है, लेकिन फिर लगा कि नहीं, सचिन बनना इतना आसान नहीं..फिर टेस्ट की बारी आई तो यहां 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके घर में 116 रनों की नाबाद पारी व एक अर्धशतक लगाकर वो उस दौरे के सर्वोच्च भारतीय बल्लेबाज साबित हुए, चलो माना यहां भी आंखें धोखा खा गईं..लेकिन जब दक्षिण अफ्रीका की खतरनाक पिचों पर टेस्ट खेलने की बारी आई और वो भी बल्लेबाजी क्रम में 'चार नंबर' के उस स्थान पर जिस पर पिछले दो दशक क्रिकेट के खुदा का राज था, तब भी इस युवा दिलेर ने खुद को साबित कर दिखाया। पढ़ें: विराट ने पूरा किया कोच को किया ये वादा.. विराट बुधवार को पवेलियन से जब मैदान की ओर बढ़े तो भावनाएं जरूर उछाल मार रही होंगी, आखिर वो उस क्रिकेटर का स्थान लेने जा रहे थे जिसको देखकर उन्होंने क्रिकेट खेलना सीखा और जिसको देखकर वो बड़े हुए, कोहली ये बात बखूबी जानते थे कि दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज कहां निशाना साधने वाले हैं, और गेंदबाजों को जवाब भी उसी अंदाज में मिला। अपने ऊपर फेंकी पहली बाउंसर को उन्होंने पुल करके स्कवायर दिशा में चौके के लिए भेज दिया, फिर वो प्रहार थमा नहीं 140 गेंदों में उन्होंने 16 चौकों के मदद से शतक जड़ डाला। फैंस अपने कदमों पर थे, खिलाड़ी तालियां ठोक रहे थे और सब इस बात को कुछ हद तक समझ रहे थे कि वो 'नंबर 4' का स्थान अब सही हाथों में आ चुका है।
मैच के बाद दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजी कोच और पूर्व तेज गेंदबाज एलेन डोनाल्ड भी ये कहने से नहीं चूके कि उन्होंने कोहली में सचिन का रूप देखा। वो रूप जिसने दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज गेंदबाजों का 1996 में बैंड बजा दिया था, सचिन को उस समय तक 'क्रिकेट के रब' का दर्जा हासिल नहीं हुआ था, लेकिन वो उस राह पर निकल चुके थे और आज डोनाल्ड का उस बात को याद करना इस बात की तस्दीक करता है कि शायद वाकई भारत को वो हीरा फिर मिल गया है, और शायद नंबर चार का जलवा आगे भी बरकरार रहेगा।
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