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दूसरे वनडे में आखिर कहां हुई चूक, जानिए इस हार के 5 कारण

टेस्ट सीरीज व वनडे सीरीज के पहले मैच के बाद ऐसा लगा कि वेस्टइंडीज पूरी तरह से बेदम हो चुकी है और अब भारत 2-0 से अजेय बढ़त हासिल कर लेगा, लेकिन ऐसा ना हुआ और मेहमान टीम ने पलटवार कर सीरीज बराबर कर दी। वनडे चैंपियंस टीम इंडिया ने पिछले कुछ महीनों में जिस अंदाज में वनडे क्रिकेट में प्रदर्शन किया है, ऐसे में ये हा

By Edited By: Updated: Mon, 25 Nov 2013 08:20 PM (IST)
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विशाखापंट्टनम। टेस्ट सीरीज व वनडे सीरीज के पहले मैच के बाद ऐसा लगा कि वेस्टइंडीज पूरी तरह से बेदम हो चुकी है और अब भारत 2-0 से अजेय बढ़त हासिल कर लेगा, लेकिन ऐसा ना हुआ और मेहमान टीम ने पलटवार कर सीरीज बराबर कर दी। वनडे चैंपियंस टीम इंडिया ने पिछले कुछ महीनों में जिस अंदाज में वनडे क्रिकेट में प्रदर्शन किया है, ऐसे में ये हार आंखें खोलने वाली थी। आखिर क्या थे वो कारण जिसने इन फॉर्म टीम इंडिया को आउट ऑफ फॉर्म विंडीज टीम के आगे बेदम कर दिया।

1. फ्लॉप हुए ओपनर्स:

पिछले कई मैचों से भारतीय टीम के ओपनर्स शिखर धवन और रोहित शर्मा ने फैंस और टीम को जैसे अच्छी शुरुआत की आदत सी डाल दी थी। हर मैच में एक बेहतरीन आगाज और साझेदारी देखने को मिलती थी लेकिन विजाग वनडे में ऐसा नहीं हुआ। रोहित शर्मा जहां महज 12 रन ही बना सके वहीं, धवन भी काफी देर तक संघर्ष करने के बाद 35 रन बनाकर चलते बने, जिस वजह से सारा दारोमदार विराट कोहली और मिडिल ऑर्डर पर आ गया।

2. विराट का विकेट व युवी-रैना फिर लचर:

धवन और रोहित के आउट हो जाने के बाद विराट ने मोर्चा संभाला और जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए अपने वनडे करियर का 28वां पचासा पूरा किया। लय आ चुकी थी और सामने युवराज सिंह भी अच्छी तरह साथ दे रहे थे, लेकिन 99 पर कोहली जैसे ही दुर्भाग्यपूर्ण अंदाज में फाइन लेग पर कैच हुए, सब कुछ थम सा गया। इसके बाद धौनी ने बेशक रनों की गति बढ़ाई लेकिन फिर भी वो धार ना आ पाई जहां पर कोहली छोड़ कर गए थे। कभी रैना चार नंबर पर आते हैं, तो कभी युवराज। धौनी ने एक बार फिर इन दोनों बल्लेबाजों के स्थान बदलकर देखे। इस बार युवराज चौथे नंबर पर आए और 28 रन जोड़े हालांकि इन 28 रनों के लिए उन्होंने 49 गेंदें ले लीं। वहीं रैना अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन वो भी ज्यादा देर तक नहीं टिक सके।

3. नहीं काम किया मोहित-जयदेव का शफल:

टीम में जयदेव उनादकट की जगह मोहित शर्मा को शामिल किया गया था लेकिन ये शफल ज्यादा सफल होता नहीं दिखा। जयदेव ने पहले मैच में 6 ओवर में बिना विकेट लिए 39 रन लुटाए थे जबकि मोहित शर्मा ने 6.3 ओवर में 48 रन लुटा दिए, हालांकि उन्होंने एक विकेट हासिल जरूर किया लेकिन फिर भी वो ज्यादा महंगे साबित हुए। इसके अलावा बाकी गेंदबाजों में भी सिर्फ अश्विन ही एकमात्र ऐसे गेंदबाज दिखे जिन्होंने बल्लेबाजों को परेशान किया।

4. वो कैच छूटना और भारत की खराब फील्डिंग:

वनडे क्रिकेट में टीम इंडिया पिछले तकरीबन एक साल में अपनी युवा ब्रिगेड के दम पर जो सफलताएं हासिल करती आई है उसमें बल्लेबाजी के साथ-साथ फील्डिंग का भी प्रमुख योगदान रहा, लेकिन रविवार को इससे बिल्कुल उलट हुआ। जब अहम मौके पर लेंडल सिमंस एक अच्छी पारी खेल रहे थे तब युवराज ने उनका एक आसान सा कैच छोड़ दिया। उस समय सिमंस 43 रन पर खेल रहे थे, इस कैच के छूटने के बाद सिमंस ने कोई गलती नहीं की और अर्धशतक जड़ते हुए 62 के आंकड़े तक का सफर तय कर डाला। इसके अलावा भारतीय खिलाड़ियों ने इस मैच में कुल 5 कैच टपकाए जो कहीं ना कहीं हार का बहुत बड़ा कारण साबित हुआ।

5. भुवनेश्वर का वो एक ओवर:

वेस्टइंडीज के टॉप ऑर्डर में एक अर्धशतक लगा (कीरन पॉवेल), मिडिल ऑर्डर में दो अर्धशतक लगे (ब्रावो और सिमंस) व लोअर मिडिल ऑर्डर में भी एक अर्धशतक लगा (डेरेन सैमी)। इन चारों अर्धशतकों ने टीम इंडिया को वैसे ही बैकफुट पर ढकेल दिया था और अंत में वेस्टइंडीज को 18 गेंदों पर 22 रनों की जरूरत थी जबकि उनके 6 विकेट गिर चुके थे जबकि सैमी के रूप में एक आखिरी घातक बल्लेबाज ही बचा हुआ था पिच पर। इस बीच धौनी ने अपने सबसे भरोसेमंद तेज गेंदबाज भुवनेश्वर को गेंद सौंपी लेकिन उस 48वें ओवर में भुवी ने 16 रन लुटा डाले। तीसरी और पांचवीं गेंदों पर दो चौके लगे जबकि आखिरी गेंद पर सैमी ने छक्का जड़ दिया। वहीं पहली और चौथी गेंद पर 1-1 रन मिला जबकि सिर्फ दूसरी गेंद ही डॉट रही। इसी ओवर ने भारत की थोड़ी बहुत बची उम्मीदों को भी खत्म कर दिया।

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