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इशांत शर्मा का एक ओवर..और बदल गया पूरा मैच

इंग्लैंड की पारी के 17 ओवर निकल गए थे। भारत के खिलाफ फाइनल मुकाबला जीतने के लिए उसे 18 गेंदों में 28 रनों की जरूरत थी, जबकि अभी 6 विकेट बचे थे। रवि बोपारा 30 रन और इयोन मॉर्गन 27 रन बनाकर खेल रहे थे। उनके लिए 28 रन बनाना कोई बड़ी बात नहीं थी। टीम इंडिया हार की ओर बढ़ती दिख रही थी। क्रीज से तेज गेंदबाजों को अधिक मदद नहीं मिल रही थी। आर. अश्विन और रवींद्र जडेजा के एक-एक ओवर ही बच गए थे। ऐसे में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के पास

By Edited By: Updated: Mon, 24 Jun 2013 10:15 AM (IST)
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बर्मिघम। इंग्लैंड की पारी के 17 ओवर निकल गए थे। भारत के खिलाफ फाइनल मुकाबला जीतने के लिए उसे 18 गेंदों में 28 रनों की जरूरत थी, जबकि अभी 6 विकेट बचे थे। रवि बोपारा 30 रन और इयोन मॉर्गन 27 रन बनाकर खेल रहे थे। उनके लिए 28 रन बनाना कोई बड़ी बात नहीं थी। टीम इंडिया हार की ओर बढ़ती दिख रही थी।

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क्रीज से तेज गेंदबाजों को अधिक मदद नहीं मिल रही थी। आर. अश्विन और रवींद्र जडेजा के एक-एक ओवर ही बच गए थे। ऐसे में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के पास कोई ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं थे। उन्होंने इशांत शर्मा पर दांव लगाना उचित समझा। इशांत उस ओवर से पहले काफी महंगे साबित हुए थे। उन्होंने 3 ओवरों में 27 रन दिए थे। ऐसे में इशांत को गेंदबाजी करते देख भारतीय दर्शक हैरान रह गए। अधिकतर लोगों की यही राय थी कि इस ओवर में सबकुछ फाइनल हो जाएगा।

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इशांत की पहली गेंद पर मॉर्गन ने तो कोई रन नहीं बनाया, लेकिन अगली ही गेंद पर एक शानदार छक्का जड़ दिया। छक्का क्या पड़ा, मानो इशांत के खिलाफ बद्दुआएं निकलने लगीं, क्योंकि इंग्लैंड को अब जीत के लिए 16 गेंदों में 22 रनों की जरूरत थी। इशांत ने अगली गेंद वाइड डाल दी। उसकी अगली गेंद भी वाइड गई। अब इंग्लैंड को जीत के लिए 16 गेंदों में 20 रनों की जरूरत थी। भारतीय प्रशंसक अब भारत की हार लगभग तय मान चुके थे, तभी इशांत ने अगली गेंद धीमी गति से डाली। मॉर्गन उस गेंद को समझ नहीं पाए और गलती कर बैठे। उन्होंने अश्विन को कैच थमा दिया।

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ठीक अगली गेंद, यानी ओवर चौथी गेंद उन्होंने रवि बोपारा को डाली और पुल करने के चक्कर में उन्होंने भी अश्विन के हाथों में कैच थमा दिया। देखते-ही-देखते लगातार दो गेंदों पर इंग्लैंड के दो विकेट गिर गए। भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। जो लोग इशांत को बद्दुआएं दे रहे थे, अब वे ही उनकी तारीफ में जुट गए। इशांत ने अगली दो गेंदों पर सिर्फ एक रन ही खर्च किए। अंत में इंग्लैंड लक्ष्य से 5 रन पीछे रह गया और भारत विश्व चैंपियन बन गया।

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भारत की इस जीत में इशांत शर्मा का ओवर टर्निग प्वाइंट बना। अगर वो दो विकेट नहीं गिरते तो भारत आसानी से हार जाता, क्योंकि वे दोनों बल्लेबाज सेट हो चुके थे और आसानी से रन बना रहे थे। इशांत ने अपने अंतिम ओवर में समझदारी दिखाई और धीमी गेंद डालने का फैसला किया, जो काम कर गया।

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