इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बढ़ाई पीसीबी की मुश्किलें
पाकिस्तान क्रिकेट की दुश्वारियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के कार्यवाहक अध्यक्ष नजम सेठी के सभी अधिकार छीन लिए हैं।
By Edited By: Updated: Mon, 22 Jul 2013 03:56 PM (IST)
कराची। पाकिस्तान क्रिकेट की दुश्वारियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के कार्यवाहक अध्यक्ष नजम सेठी के सभी अधिकार छीन लिए हैं।
हाईकोर्ट ने संवैधानिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान चुनाव आयोग को आदेश दिया कि वह आज से 90 दिन के भीतर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराए। अदालत ने साथ ही अनिवार्य किया कि वही लोग चुनाव लड़ने के पात्र होंगे, जो स्नातक होंगे और जिन्होंने प्रथम श्रेणी या टेस्ट क्रिकेट खेला होगा। अदालत ने 30 पन्ने के अपने फैसले में कुछ अन्य कड़े आदेश भी दिए हैं। इसमें पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वह पीसीबी के खातों का पिछले पांच साल का ऑडिट कराए। साथ ही कहा गया है कि एक पत्रकार और क्रिकेट की समझ रखने वाला क्रिकेट प्रेमी भी राष्ट्रीय चयन समिति का हिस्सा होना चाहिए। अदालत ने साथ ही साफ किया कि देश में राष्ट्रपति की भूमिका सांकेतिक है और अगर कोई अधिकार है तो इसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री को करना चाहिए।
अब तक राष्ट्रपति बोर्ड के मुख्य संरक्षक के रूप में सीधे पीसीबी अध्यक्ष की नियुक्तिकरते थे और नामांकन समिति के दो सदस्यों को चुनने में भी उनकी अहम भूमिका होती थी जो अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों की छंटनी करते थे। इसी प्रक्रिया के तहत जका अशरफ को मई में अध्यक्ष चुना गया था। इससे पहले राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने अक्टूबर, 2011 में उन्हें अध्यक्ष नियुक्तकिया था। सेना टीम के कोच मेजर (सेवानिवृत्त) नदीम सादल ने अशरफ के चुनाव और चुनाव प्रक्रिया को अदालत में चुनौती दी थी। उन्हीं की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पहले अशरफ को पीसीबी अध्यक्ष के रूप में काम करने से रोका। इसके बाद सेठी को सरकार ने कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्तकिया था।
पीसीबी के कानूनी सलाहकार ने कहा कि बोर्ड को अभी तक हाईकोर्ट के आदेश की कापी नहीं मिली है। उसे पढ़ने के बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
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