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'सचिन तेंदुलकर ने बनवाया था धौनी को कप्तान'

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का दिल सिर्फ क्रिकेट के लिए धड़कता है। वह न सिर्फ भारतीय क्रिकेट की भलाई के लिए सोचते रहते हैं, बल्कि समय-समय पर जूनियर खिलाड़ियों की मदद के लिए भी जाने जाते हैं। वह जो कुछ करते या सोचते हैं उसमें क्रिकेट की भलाई छुपी होती है। यह बात आज एक बार फिर मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष शरद पवार के रहस्योदं्घाटन से साबित हो गई है। पवार ने बताया कि वह सचिन थे, जिन्होंने 2007 में राहुल द्रविड़ के कप्तानी छोड़ने की इच्छा जाहिर करने के

By Edited By: Updated: Mon, 11 Nov 2013 08:59 AM (IST)
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मुंबई। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का दिल सिर्फ क्रिकेट के लिए धड़कता है। वह न सिर्फ भारतीय क्रिकेट की भलाई के लिए सोचते रहते हैं, बल्कि समय-समय पर जूनियर खिलाड़ियों की मदद के लिए भी जाने जाते हैं। वह जो कुछ करते या सोचते हैं उसमें क्रिकेट की भलाई छुपी होती है। यह बात आज एक बार फिर मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष शरद पवार के रहस्योदं्घाटन से साबित हो गई है। पवार ने बताया कि वह सचिन थे, जिन्होंने 2007 में राहुल द्रविड़ के कप्तानी छोड़ने की इच्छा जाहिर करने के बाद महेंद्र सिंह धौनी को यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए कहा था।

पवार ने रविवार को अपने ब्लॉग में लिखा है, 'सचिन को अपने साथी खिलाड़ियों विशेषकर जूनियर क्रिकेटरों की मदद करना अच्छा लगता है और वह टीम भावना में विश्वास करते हैं। विनम्रता उनका बीच का नाम है। उन्होंने अपने खेल पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ दी थी। अब एक ऐसी कहानी जिससे सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धौनी के अनगिनत प्रशंसकों को खुशी होगी। यह कुछ साल पहले की बात है जब भारतीय टीम इंग्लैंड में खेल रही थी। मैं भी बीसीसीआइ प्रमुख होने के नाते लंदन में था। एक दिन राहुल द्रविड़ मेरे पास आए और उन्होंने अपने आग्रह से मुझे हैरत में डाल दिया। द्रविड़ ने कहा कि वह कप्तानी छोड़ना चाहते हैं क्योंकि इससे उनका खेल प्रभावित हो रहा है। मैंने सीधा जवाब दिया नहीं। ट्वेंटी-20 सीरीज जल्द शुरू होने वाली है और विश्व कप केवल एक साल बाद होना है।'

पवार ने कहा कि द्रविड़ ने कप्तान पद के लिए तेंदुलकर के नाम का सुझाव दिया, लेकिन यह सीनियर बल्लेबाज इच्छुक नहीं था। उन्होंने कहा, 'द्रविड़ ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर कप्तानी छोड़ने के बारे में कैसे सोच सकता था। उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। द्रविड़ अपने फैसले पर कायम थे। उन्होंने अगले कप्तान के लिए सचिन के नाम का सुझाव दिया। मैंने इस पर विषय पर सचिन से बात की। वह द्रविड़ की जगह कप्तान बनने के इच्छुक नहीं थे। उन्होंने धौनी का नाम सुझाया। इससे कहानी में नया मोड़ आ गया।'

केंद्रीय कृषि मंत्री ने याद किया, 'धौनी बेहतरीन विकेटकीपर हैं, लेकिन क्या वह अच्छा कप्तान साबित होगा। सचिन ने जवाब दिया, 'आप उसे आजमाओ। वह बहुत अच्छा कप्तान साबित होगा। मैं जिम्मेदारी के एहसास के साथ यह कह रहा हूं। इसके बाद बीसीसीआइ की चयन समिति ने धौनी को टीम का कप्तान चुन लिया और उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया। हमने टी-20 विश्व कप जीता और बाद में मुंबई में 2011 में वनडे विश्व कप भी जीता। नए कप्तान की जमकर तारीफ की गयी जिसके वह हकदार थे। यह सचिन की दूरदृष्टिता के कारण संभव हो पाया।'

'सचिन अब संन्यास लेने वाले हैं। लेकिन वह खुद को क्रिकेट से लंबे समय तक दूर नहीं रख सकते। मुझे पूरा विश्वास है कि संन्यास लेने के बाद युवा खिलाड़ियों को गुर सिखाना उनकी योजनाओं में शामिल होगा। मास्टर ब्लास्टर को शुभकामनाएं।'

-शरद पवार (अध्यक्ष, एमसीए)

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