43 वर्ष के हुए क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, बच्चों संग खेला क्रिकेट
सचिन तेंदुलकर आज 43 वर्ष के हो गए हैंं। अपने इस जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए उन्होंने आज मुंबई के क्रिकेट क्लब में बच्चों संंग क्रिकेट भी खेला।
मुंबई। क्रिकेट का भगवान कहे जाने सचिन तेंदुलकर आज 43 वर्ष के हो गए। अपने इस जन्मदिन को खास बनाने के लिए उन्होंने आज एमआईजी क्रिकेट क्लब में स्कूली बच्चों संग क्रिकेट भी खेला। इस दौरान उन्होंने बच्चों को बेहतर क्रिकेट खेलने के गुण भी सिखाए।
सचिन ने अपने बीतों दिनों के यादगार लम्हों को याद करते हुए पिछले दिनों एक ट्वीट में कहा था कि उन्हें आज तक 18 वर्ष पहले खेली गई अपनीी सर्वश्रेष्ठ पारी याद है। इसकी यादें उनके जहन में हमेशा ताजा रहती हैं। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों का भी धन्यवाद कहा था। सचिन तेंदुलकर पर फिल्म ‘सचिन-ए बिलियन ड्रीम्स‘ बन रही हैं।
सचिन तेंदुलकर ने ही नहीं, उनके सास-ससुर ने भी की थी लव मैरिज!
सचिन क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ौं में गिने जाते हैं। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।
सन् 1989 में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद सचिन ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में 14000 से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत 1985 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई।
सचिन ने 18 साल पहले खेली गई अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी को किया याद
23 दिसम्बर 2012 को सचिन ने वन.डे क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद 16 नवम्बर 2013 को उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया। 4 फ़रवरी 2014 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें भारत रत्न से सम्मनित किया गया। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाले सचिन एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वर्ष 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।
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