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मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा होगी अभेद

By Edited By: Updated: Fri, 24 May 2013 01:25 AM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आतंकी संगठनों द्वारा राजधानी के मेट्रो स्टेशनों को निशाना बनाने की धमकियों, प्रदर्शनकारियों व अन्य आपराधिक घटनाओं को देखते हुए मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था अभेद बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सभी 134 मेट्रो स्टेशनों पर कंट्रोल रूम स्थापित करेगा। वर्तमान में दो मुख्य स्टेशन सहित 90 मेट्रो स्टेशनों पर सीआइएसएफ कंट्रोल रूम हैं। यही नहीं, इंटेलीजेंस टीम सहित अन्य विंग में कर्मियों की कमी को देखते हुए सीआइएसएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अतिरिक्त तीन हजार जवानों की मांग भी की है। स्वीकृति मिलते ही जवानों की भर्ती कर उनकी तैनाती मेट्रो स्टेशनों पर की जाएगी।

सीआइएसएफ मेट्रो यूनिट के उप महानिरीक्षक उदयन बनर्जी ने मेट्रो की सुरक्षा पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मेट्रो स्टेशनों पर मुख्य तौर पर सीआइएसएफ की तीन तरह की टीम काम करती है। किसी तरह की घटना होने पर क्विक रिएक्शन टीम को लगाया जाता है। अल्फा टीम भीड़-भाड़ सहित मेट्रो में कार्रवाई करती है। जबकि बल का सबसे महत्वपूर्ण अंग इंटेलीजेंस विंग है। सादे कपड़े में स्टेशनों पर मौजूद जवान यात्रियों पर पैनी नजर रखते हैं। उन्हें प्रोफाइल ट्रेनिंग दी गई है। वे चेहरे के हाव-भाव सहित पहनावे या बोलचाल से संदिग्ध की पहचान करने में सक्षम हैं। वर्तमान में मेट्रो में इस विंग में 100 जवान तैनात हैं, जिसमें 25 महिला जवान हैं। इस विंग की चार टीमें हमेशा मेट्रो स्टेशनों पर कार्यरत रहती हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्री पार्क स्थित दिल्ली मेट्रो रेल निगम बिल्डिंग स्थित सीआइएसएफ यूनिट कार्यालय से की गई। वहां मेट्रो की सुरक्षा की तैयारियों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान क्विक रिएक्शन टीम के कमांडों, बम निरोधक दस्ता तथा डॉग स्क्वायड ने अपने-अपने प्रदर्शन को बखूबी अंजाम दिया। इस मौके पर डीआइजी उदयन बनर्जी ने बताया कि लंदन मेट्रो में बम विस्फोट के बाद सन 2007 में दिल्ली मेट्रो में सीआइएसएफ के जवानों की तैनाती की गई थी। 1633 जवानों से शुरू हुए इस सफर में वर्तमान में उनकी संख्या 4869 तक पहुंच गई है। बल के जवान 134 मेट्रो स्टेशन, सात मेट्रो डिपो और 13 सब मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो क्यूआरटी टीम अत्याधुनिक हथियारों से लैस है तथा उन्हें त्वरित कार्रवाई का प्रशिक्षण दिया गया है। बम निरोधक दस्ते के पास भी अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं। दस्ता विस्फोटक को बगैर हाथ लगाए मशीन के जरिए उसकी पहचान कर उसे नष्ट कर सकता है। सुरक्षा में डॉग स्क्वायड की भूमिका भी काफी अहम है। वर्तमान में बल के पास 34 प्रशिक्षित कुत्तो हैं। इनमें जर्मन शेफर्ड के सात, लेब्राडोर के 23 तथा कोकेर स्पैनियल प्रजाति के सात डॉग हैं। सभी को शास्त्री पार्क और राजौरी गार्डन डॉग कैनल में रखा जाता है।

पांच हजार कैमरों से मेट्रो स्टेशनों की निगरानी

मेट्रो स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे की मौजूदगी बल की ताकत है। इससे निगरानी के कारण समय रहते कई वारदात होने से रोकी जा सकी। वहीं कई अपराधियों को धर-दबोचा गया। वर्तमान में 90 मेट्रो स्टेशन पर मौजूद कंट्रोल रूम में सीसीटीवी फुटेज जांचने की सुविधा है। वहीं इन सभी सीसीटीवी कैमरों को शास्त्री पार्क तथा राजीव चौक स्थित मुख्य नियंत्रण कक्ष से भी जोड़ा गया है। कंट्रोल रूम में 24 घंटे जवान मुस्तैद रहते हैं। बेहतर कार्य के लिए उन जवानों को निरंतर कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है।

उत्कृष्ट कार्य के लिए कई जवान सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान दिल्ली मेट्रो के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल ने उत्कृष्ट कार्य के लिए जवानों को सम्मानित भी किया। सम्मानित होने वालों में प्रियंका कुमारी, कुलदीप सिंह, एमके नाथ, नसीम अली, राकेश कुमार, लछमन सिंह व अजय सिंह प्रमुख हैं।

कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े

-पिछले पांच माह में महिला कोच में धरे गए 6669 पुरुष यात्रियों को फाइन किया गया।

पांच महीने में 187 पाकेटमार को पकड़ा गया।

-मेट्रो रेल में इस वर्ष 14 मामलों में तीन पिस्टल, रिवाल्वर सहित 41 कारतूस बरामद हुए।

-जनवरी से अब तक सीआईएसएफ की मेट्रो हेल्पलाइन पर 3903 शिकायतें आई।

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