यमराज की तरह डरा रहे मोबाइल टॉवर
By Edited By: Updated: Mon, 15 Jul 2013 01:47 AM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली के अतिविशिष्ट इलाके वसंत कुंज के एक पॉकेट में पिछले पांच साल में पांच लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है। उन्हें कॉलोनी के बीच लगे मोबाइल टॉवर यमराज की तरह डरा रहे हैं। लोगों को आशंका है कि कैंसर मोबाइल टॉवर के विकिरण से हो रहा है। यही वजह है कि कॉलोनी के बीच एक निजी स्कूल पर लगे पांच मोबाइल टॉवर हटाने के लिए वे क्षेत्र के निगम आयुक्त, मुख्यमंत्री से लेकर उपराज्यपाल तक गुहार लगा चुके हैं। मगर मोबाइल टॉवर नहीं हटाए जा सके हैं।
वसंत कुंज में पिछले कुछ वर्षो में कैंसर से पीड़ित कई लोग काल के ग्रास बन गए हैं। वहीं कई लोग अनिद्रा, एलर्जी, सांस लेने में तकलीफ जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। अपनों को खोने वाले तथा कॉलोनी के अन्य लोगों का कहना है कि जब से मोबाइल टॉवर लगाए गए हैं तब से यहां कैंसर सहित अन्य बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। इसलिए इन्हें शीघ्र हटाया जाना चाहिए। मोबाइल टॉवर के नजदीक रहने वाली मनोरमा गुप्ता बताती हैं कि वर्ष 2008 में उनके पति की मौत कैंसर से हो गई थी। परिवार के अन्य सदस्यों तथा आसपड़ोस के लोगों की सेहत की उन्हें हमेशा चिंता सताती रहती है, क्योंकि लोग कई बीमारियों से पीड़ित हैं। स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों को भी मोबाइल टॉवर से निकलने वाले रेडिएशन से नुकसान हो रहा है। इसलिए तुरंत मोबाइल टॉवर हटाये जाने की जरूरत है।
शीला जसवाल की पिछले वर्ष जनवरी में ब्रेस्ट कैंसर से मौत हो गई थी। उनके पति एसवी जसवाल कहते हैं कि कई लोगों की मौत तथा कई लोगों के बीमार होने के बावजूद उनकी समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऑल रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर ए, पॉकेट सी वसंत कुंज के पदाधिकारी इस समस्या को लेकर अधिकारियों व विधायक से लेकर उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री तक के आगे फरियाद लेकर गए, लेकिन उन्हें हर जगह निराशा हाथ लगी।
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष कर्नल एससी केन ने बताया कि पिछले वर्ष दस अगस्त को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से शिकायत की गई थी। इस वर्ष मार्च में उपराज्यपाल तथा जून में क्षेत्र के विधायक डॉ.योगानंद शास्त्री के आगे भी फरियाद की गई। इससे पहले नगर निगम दक्षिणी के डीसी सहित अन्य अधिकारियों के सामने भी समस्या रखी गई है। आरडब्ल्यू के पदाधिकारियों व अन्य स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली सहित देश के कई इलाके में रिहाइशी इलाके से मोबाइल टॉवर हटाने का मामला न्यायालय में भी चल रहा है। कई मामलों में अदालत ने भी इसे गंभीर माना है। वसंत कुंज ए सेक्टर में कैंसर से मरने वाले 1. दमयंती वोहरा (68)- ओबरी कैंसर, वर्ष 2001 में मौत 2. अमर ओझा (44)-दिसंबर 2007 3. जेएस गुप्ता- प्रोस्टेट कैंसर, दिसंबर 2008 में मौत 4. प्रवीन कुमार (45)- लंग्स कैंसर, लगभग दो वर्ष पहले मौत 5. शीला जसवाल (64)-ब्रेस्ट कैंसर, जनवरी 2012 में मौत 6.चांद मुनीष सब्बरवाल (37)-दिसंबर 2012 अनु शर्मा (76) की इस वर्ष मार्च में मल्टीपल आर्गन फेलियोर से मौत हो गई है। सदन में उठेगा मुद्दा नगर निगम दक्षिणी की शिक्षा समिति की चेयरमैन व क्षेत्र की पार्षद कुसुम खत्री कहती हैं कि इन टॉवरों को बचाने के लिए नगर निगम के अधिकारी दिल्ली सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने इस निजी स्कूल पर लगे पांच टॉवरों हटाने के लिए निगम आयुक्त से कई बार शिकायत की है। मगर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जनता की जान से खिलवाड़ नहीं होने देंगी। चाहें कितने भी शक्तिशाली लोग मोबाइल टॉवर चलवा रहे हों। इन्हें हटवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को निगम के सदन में भी उठाएंगी। वह कहती हैं कि जब सरकार खाद्य सुरक्षा पर बिल ला सकती है, तो मोबाइल टॉवर कॉलोनी से दूर लगें इस पर कोई पॉलिसी तय क्यों नहीं कर रही है? कोट : मेरे घर से कुछ दूरी पर ही इस निजी स्कूल पर पांच मोबाइल टॉवर लगे हैं, जिन पर कई डिस्क लगी हैं। जब से टॉवर के नजदीक रहने वालों की कैंसर से मौत की बातें सामने आई हैं। तब से मोबाइल टॉवर हम सब को डरा रहे हैं। हमें यह भी चिंता है कि स्कूल पर लगे टॉवर कहीं बच्चों को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचा रहे हों। आइसी जैन, कोषाध्यक्ष आरडब्ल्यूए कोट किसी मोबाइल टॉवर से निकलने वाले विकिरण से कैंसर या कोई अन्य बीमारी हो रही है या नही, यह मामला नगर निगम से संबंधित नहीं है। यह मामला केंद्र सरकार के दूर संचार मंत्रालय के तहत आता है। यह मंत्रालय इस प्रकार के मामले में जांच करवाता है, जहां तक मोबाइल टॉवर को स्वीकृति देने की बात है तो जो मोबाइल टॉवर के स्ट्रक्चरल से संबंधित मानकों को पूरा करता है और नगर निगम उसे स्वीकृति देता है। यदि नगर निगम किसी टॉवर को स्वीकृति दे चुका है तो उसे हटाना संभव नहीं है। वसंत कुंज मामले की जानकारी मेरे पास नहीं है। इस बारे में क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों से बात की जाएगी। मनीष गुप्ता, आयुक्त दक्षिणी नगर निगम दक्षिणी कोट रेडिएशन से त्वचा, स्तन व पेट संबंधी कैंसर होने का डर रहता है। जहां तक मोबाइल टॉवर से कैंसर होने की बात है तो अभी इस बारे में रिपोर्ट नहीं आई है। इस पर रिसर्च चल रही है। -डॉ. उल्लास बत्रा विशेषज्ञ राजीव गांधी कैंसर अस्पतालमोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
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