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ताश की तरह कलाकार

By Edited By: Published: Tue, 20 Aug 2013 02:48 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2013 02:49 AM (IST)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

श्रीराम सेंटर में सोमवार को गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की बेहतरीन कृति 'ताशेर देश ' का मंचन किया गया। समाज में व्याप्त कुंठा को बयां करती इस नृत्य नाटिका का दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। अभिनेत्री सुषमा सेठ निर्देशित इस नाटिका के मंचन के दौरान कलाकारों ने अपने अभिनय कौशल का परिचय दिया। ताश के पत्ताों की शक्ल में रंगे हुए चेहरे के साथ कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शक काफी प्रभावित किया। लालपान का नहला हो या कालापान का दहला ताश के इन पत्ताों के रूप में कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय प्रतिभा की छाप छोड़ी। बेगम व बादशाह का का रूपांकन भी दर्शकों को पसंद आया। नाटिका में अभिनय व नृत्य के बेहतरीन मिश्रण के साथ भावभंगिमाओं को भी दर्शकों ने सराहा। एक राजकुमारी द्वारा समाज की कुरीतियों का विरोध व उसे निष्फल बनाने के लिए संघर्ष को बेहद खूबसूरती से कलाकारों ने प्रस्तुत किया।

सफेद रंग से पुते हुए चेहरों के साथ समूह में नृत्य के प्रदर्शन के दौरान उनका तालमेल देखने वाला था। प्रस्तुति के दौरान कई बार सभागार तालियों से गूंज उठा। इस मौके पर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, कथक नृत्यांगना शोभना नारायण सहित कला जगत से जुड़ी कई हस्तियां मौजूद थीं।

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