पवित्रा मामले पर उबले लोग, प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अंबेडकर कॉलेज की पूर्व लैब टेक्नीशियन पवित्रा भारद्वाज को न्याय दिलाने के लिए कई संगठन लामबंद हो गए हैं। बृहस्पतिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा), दिल्ली विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ (डूकू), दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू), आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य कई संगठनों ने पुलिस मुख्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, डीयू कुलपति और अंबेडकर कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस आयुक्त को ज्ञापन भी दिया।
प्रदर्शनकारी लगभग 11 बजे शहीद पार्क में एकत्रित हुए। विरोध-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार चुप है, जबकि दोषी को इस मामले में दोगुनी सजा होनी चाहिए। सरकार प्राचार्य को इसलिए बचा रही है क्योंकि वह रसूख वाला व्यक्ति है। केजरीवाल ने कहा कि प्रिंसिपल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा जाना चाहिए और मामले की स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए। आप के सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा कि कानून के अनुसार यदि कोई व्यक्ति सुसाइड नोट में किसी को दोषी मानता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। गोपाल कांडा के मामले में ऐसा ही हुआ था। उन्होंने कहा कि डीयू देश का पहला विश्वविद्यालय है जिसके अध्यादेश में यौन शोषण में मामले में तुरंत कार्रवाई की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वे लोग भी जिम्मेदार हैं जिन्हें पवित्रा ने 150 चिट्ठियां लिखी थीं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण ने भी प्राचार्य को सजा दिलाने के लिए एकजुट होने तथा पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार करने की बात कही। एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट (एएडी) के अध्यक्ष तथा डीयू की कार्यकारी समिति के सदस्य डा. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि हम तब तक संघर्ष करते रहेंगे, जब तक प्रिंसिपल के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहंीं हो जाती। पुलिस, प्रशासन, सरकार सब इस विषय पर मौन हैं। सभा को डीयू कार्यकारी समिति की सदस्य डा. आभा देव हबीब, डूसू अध्यक्ष अमन अवाना, दिल्ली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजपाल सहित कई लोगों ने संबोधित किया।
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