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तेलंगाना पर छह सांसद कांग्रेस से बर्खास्त

By Edited By: Updated: Wed, 12 Feb 2014 02:44 AM (IST)
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नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तेलंगाना की फांस में सरकार और कांग्रेस पूरी तरह उलझ गई है। एक तरफ जहां संसद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को पेश करने की तिथि को लेकर असमंजस बरकरार है वहीं अब इसे राज्यसभा की बजाय लोकसभा में ही पेश करने की रणनीति बनी है। संभवत: गुरुवार को इसे पेश किया जाएगा। हालांकि लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति 18 फरवरी से पहले इसकी संभावना नहीं देख रही। इसके बावजूद इसे पारित करवाने के लिए आधार अभी से तैयार किया जा रहा है। तेलंगाना का विरोध कर रहे कांग्रेस के छह सदस्यों को पार्टी से बर्खास्त कर संकेत दे दिया गया है कि सरकार सदन के अंदर भी कठोर कदम उठा सकती है। वहीं तेलंगाना और अन्य मुद्दों को लेकर हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पांचवें दिन भी नहीं चल सकी।

सीमांध्र की कीमत पर कम से कम तेलंगाना में अपनी राजनीतिक जमीन बचाने में जुटी कांग्रेस ने विपक्ष के साथ तालमेल तो बिठा लिया है लेकिन अभी भी रास्ता बहुत आसान नही है। दरअसल कांग्रेस से बर्खास्त सीमांध्र के छह सांसदों में कुछ ने सदन के अंदर ही खुद को आग लगाने की धमकी दे दी है।

गौरलतब है कि इन सांसदों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया था। उनमें एक सब्बम हरी ने खुलेआम धमकी दे दी है कि तेलंगाना विधेयक पेश किया गया तो उनके साथ दो अन्य सांसद विरोध स्वरूप आग लगा लेंगे। बताते हैं कि इससे बचने के लिए गुरुवार को उन्हें सदन से बाहर ही रोकने की कोशिश हो सकती है या फिर उन्हें जबरन निकाला भी जा सकता है। इससे पहले मंगलवार को तेलंगाना विधेयक को राज्यसभा में पेश करने की खबरें थीं। लेकिन सरकार बहुत आस्वस्त नहीं दिखी। लोकसभा में विधेयक पेश करने के लिए राष्ट्रपति से मंजूरी तो मांगी गई लेकिन कोई भी औपचारिक तौर पर तिथि और समय को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

कांग्रेस कोर ग्रुप ने विपक्ष से तालमेल बनाए रखने की जिम्मेदारी अहमद पटेल को दी गई है। पिछले दिनों भी वह आंध्र प्रदेश से आने वाले भाजपा नेता वेंकैया नायडू के संपर्क में रहे हैं। इस कवायद मे संभवत: संविधान संशोधन विधेयक लाने की मुख्य विपक्ष की मांग को भी मान लिया गया है।

बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह समेत लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को खाने पर आमंत्रित किया है। मंगलवार को लोकसभा के नेता सुशील कुमार शिंदे ने भी लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से मुलाकात कर इस पर चर्चा की। बुधवार को सदन में अंतरिम रेल बजट पेश होना है। लिहाजा गुरुवार को तेलंगाना के लिए कमर कसी जा रही है। यूं तो सीमांध्र सांसदों के अलावा भी तृणमूल कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस जैसे दल इसके विरोध में हैं। लेकिन सरकार को आशा है कि वे मत विभाजन की दशा में अड़चन नहीं बनेंगे।

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