डीयू पर भी चढ़ा सियासी बुखार
- राजनीतिक दलों के समर्थन में जुटे शिक्षक, कर रहे प्रचार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : जैसे-जैसे आम चुनाव करीब आ रहे हैं, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में भी सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। राजनीतिक दलों से जुड़े शिक्षक संगठन भी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। पहले भी डीयू के कई शिक्षक सक्रिय राजनीति में रह चुके हैं और विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।
डीयू में भाजपा, कांग्रेस और वामदलों से जुड़े शिक्षक संगठन बेहद सक्रिय रहते हैं। विगत दिनों डीयू में राजनीतिक दलों से जुड़े शिक्षकों ने विभिन्न व्याख्यानों में हिस्सा लिया। खुले तौर पर तो यह छात्र संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रम था लेकिन इसके पीछे दरअसल दलगत निष्ठा रखने वाले शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। शिक्षक संगठन एकेडमिक एक्शन एंड डेवेलपमेंट के अध्यक्ष और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में विचार विभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा कहते हैं कि मैं पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होता हूं। मैंने पहले भी पार्टी की नीतियों का प्रचार किया है और इस चुनाव में भी पार्टी के साथ हूं। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के सचिव डॉ. एके भागी का कहना है कि, हमारी कोई राजनीतिक शाखा विश्वविद्यालय में नहीं है लेकिन हम भाजपा के लिए प्रचार करते थे और करेंगे। उनका कहना है कि हम पार्टी की विचारधारा से जुड़े हुए हैं और लोकसभा चुनाव में संगठन से जुड़े शिक्षकों के अलावा उनके परिजन को भी भाजपा को वोट देने के लिए प्रेरित करेंगे।
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) की सदस्य डॉ. नंदिता नारायण का कहना है कि, मैं जिस संगठन से हूं उसमें कई सदस्य वामपंथी दलों का समर्थन करते हैं। मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि कांग्रेस ने जिस तरह से विश्वविद्यालय की शिक्षा नीति के साथ खिलवाड़ किया है, वह गलत है। मैं उसका समर्थन नहीं करती और मैं सांप्रदायिक ताकतों के भी खिलाफ हूं।
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राजनीतिक दलों के टिकट पर चुनाव जीते डीयू से संबद्ध लोग
जगदीश मुखी (भाजपा)
रजनी अब्बी (भाजपा)
योगानंद शास्त्री (कांग्रेस)
किरण वालिया (कांग्रेस)
विजय कुमार मल्होत्रा (भाजपा)
हरीश खन्ना (आप)
ओपी कोहली (भाजपा)