Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

डूटा अध्यक्ष को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी

By Edited By: Updated: Mon, 28 Apr 2014 11:48 PM (IST)
Hero Image

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षक संघ के बीच जोरदार संघर्ष की पृष्ठभूमि तैयार हो गई है। चार वर्षीय पाठ्यक्रम का विरोध करने वालीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण को उनके कॉलेज से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। आगामी एक मई को उन्हें सेंट स्टीफेंस कॉलेज से निष्कासित किया जा सकता है। उन पर कथित तौर पर कॉलेज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का आरोप है। जानकारों की मानें तो डूटा अध्यक्ष के खिलाफ निष्कासन जैसी कार्रवाई प्रशासन के लिए भी आसान नहीं होगी। यदि केंद्र में तीसरे मोर्चे की सरकार बनी तो इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय के आला अधिकारियों पर दबाव बढ़ सकता है।

डूटा अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण के खिलाफ चल रही जांच समिति की रिपोर्ट एक मई को आने वाली है। यह रिपोर्ट यह रिपोर्ट गवर्निग बॉडी के चेयरमैन विशप सुनील सिंह के समक्ष पेश की जाएगी। रिपोर्ट में जो तथ्य हैं, वह डॉ. नंदिता नारायण के खिलाफ हैं। संभव है कि उसे आधार बनाकर उन्हें कॉलेज से निष्कासित कर दिया जाए। वहीं गवर्निग बाडी के सदस्य प्रो. जेपी शर्मा का कहना है कि नंदिता नारायण को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।

यह है मामला

गत वर्ष डॉ. नंदिता नारायण ने एक लेख में कॉलेज के प्रिंसिपल के चरित्र को लेकर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ जांच की जा रही है। जांच समिति के अध्यक्ष पूर्व लोकायुक्त और सेवानिवृत्त न्यायाधीश मनमोहन सरीन हैं। इसके सदस्य सुनील जोसेफ और डीयू प्रॉक्टर सतवंती कपूर हैं।

----------------------

'मैंने हमेशा शिक्षक हित के लिए आवाज उठाई है। जिस लेख को आधार बनाया जा रहा है, उसका खंडन भी मैंने अखबार में दिया था, लेकिन प्रिंसिपल ने खंडन का जिक्र नहीं किया। लाइब्रेरी में काम करने वाली कर्मचारी ने प्रिंसिपल के खिलाफ आरोप लगाया था और यह मामला कोर्ट में है। क्या हम एक और पवित्रा भारद्वाज का इंतजार करें? मैंने हमेशा सच्चाई का साथ दिया है और मुझे इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है। मुझे हर मीटिंग में निशाना बनाया गया है।'

-डॉ. नंदिता नारायण

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें