मोदी की मुरीद हैं फेसबुक सीओओ
By Edited By: Updated: Wed, 02 Jul 2014 09:03 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी नेटवर्किंग सोशल साइट फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) शेरिल सैंडबर्ग ने बुधवार को कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लोकप्रिय नेता हैं। उनके 18 करोड़ फेसबुक मित्र हैं। इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले नंबर पर हैं।
यहां एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री का बखान करते हुए कहा कि मोदी का अपनी मां से आशीर्वाद लेते हुए फोटो फेसबुक पर पोस्ट करना अतुलनीय है। यह मेरी पसंदीदा पोस्ट है। मैं उत्साहित हूं कि उनके जैसे नेता ने सोशल मीडिया के महत्व को समझा है। भारत में चुनाव के दौरान फेसबुक का उपयोग बहुत रोमांचक था। भारत में अपने निवेश को भुनाएगी फेसबुक फेसबुक अब भारत में अपने निवेश को भुनाने की तैयारी में है। शेरिल ने कहा कि कंपनी अब भारत में अपने कारोबार से धन जुटाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। भारत में फेसबुक उपयोगकर्ताओं की संख्या 10 करोड़ से अधिक है। वहीं 9 लाख लघु व मझोले उद्यम फेसबुक पर हैं।
उपयोगकर्ता संख्या के लिहाज से अमेरिका के बाद भारत फेसबुक के लिए सबसे बड़ा बाजार है। सैंडबर्ग ने कहा कि हमने भारत में भारी निवेश किया है। भारत पर हमने बड़ा दांव लगाया है। अब हम अपने निवेश को भुनाने की तैयारी में हैं। हालाकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि फेसबुक किस तरीके से अपने निवेश को भुनाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि भारत हमारे लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। इसमें काफी क्षमता है। अमेरिका हमारे लिए सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन जहा तक नेटवर्क पर लोगों की संख्या का सवाल है, भारत में हमारे पास काफी संभावनाएं हैं। वैश्विक स्तर पर फेसबुक के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 1.2 अरब है। उन्होंने कहा कि 90,000 लघु और मझोले उद्यमों ने फेसबुक पर पेज बना रखे हैं। इन पर वे अपना विज्ञापन चलाकर संभावित ग्राहकों तक पहुंच सकते हैं। इनमें से कुछ अपने पेज के लिए पैसा दे रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि यहा वृद्धि की बड़ी संभावना है।
--------------------- :::इंसेट::: अमेरिका में भी है स्त्री-पुरुष में भेद नई दिल्ली : फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी शेरिल सैंडबर्ग ने बुधवार को कहा कि शिक्षा व अवसरों में प्रगति के बावजूद स्त्री-पुरुष में भेदभाव पूरी दुनिया की समस्या है। भारत में ही नहीं अमेरिका में भी यह समस्या है। उन्होंने कहा कि महिला जनसंख्या का उचित लाभ उठाए बिना कोई भी देश अपनी संभावनाओं का पूरा दोहन नहीं कर सकता। लैंगिक असमानता केवल भारत की समस्या नहीं है, यह किसी संस्कृति विशेष की दिक्कत नहीं है, बल्कि यह सभी संस्कृतियों में है। यह भारत में है तो अमेरिका में भी। सैंडबर्ग पाच दिन की अपनी भारत यात्रा के दौरान फिक्की लेडीज आर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दुनिया में केवल 18 देशों में महिला शासनाध्यक्ष हैं। प्रमुख पदों पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिहाज से भारत '28 प्रतिशत' के साथ अमेरिका से थोड़ा बेहतर ही है। अमेरिका में यह प्रतिनिधित्व 23 प्रतिशत है। सैंडबर्ग ने कहा कि यह असमान प्रतिनिधित्व दुनिया भर की समस्या है। स्थानीय गावों से लेकर कस्बों और कस्बों से लेकर संसद तक हमारा प्रतिनिधित्व करने वालों की पर्याप्त संख्या नहीं है। उन्होंने कहा कि अपनी जनसंख्या की पूरी ताकत का इस्तेमाल नहीं कर हम वास्तव में अपनी आर्थिक संभावनाओं से धोखा कर रहे हैं।
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